Complete information about Software Engineer
हाल ही हुई ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार भारत में तकरीबन 5 मिलियन (50 लाख) सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। तकनीकी का युग विकसित होने से आम इंसानो के साथ - साथ मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर आदि भी काफी एडवांस हो गए हैं। यह सभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस सॉफ्टवेयर की मदद से ही चलती हैं जिन्हें एक अच्छा और इंटेलिजेंट सॉफ्टवेयर इंजीनियर ही डेवलप करता है। अब आप यह सोच रहे होंगे कि भला ये सॉफ्टवेयर किस चीज का नाम है या सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बना जाता हैं बगैरा वगैरा। बस इसी प्रकार के अनगिनत प्रशन आपके दिमाग को कचोट रहे होंगे। अगर आप भी सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहते हैं? तो आप सही जगह पर आये हैं। यहाँ आप 'software engineering in Hindi' में जानेंगे इस ब्लॉग से संबंधित जानकारी को।
भारत में इस समय इनफार्मेशन और टेक्नोलॉजी क्षेत्र के तेजी से विकास के कारण सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग का कोर्स काफी ज्यादा मांग में हैं। यह कोर्स प्रोग्रामिंग भाषाओं और कई तरह के सॉफ्टवेयर के डिजाइन और विकास पर टिका हुआ है। यह कोर्स उस अध्ययन पर केंद्रित है जो छात्रों को सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के मूल सिद्धांतों के बारे में जानने में मदद करता है। तो चलिए शुरु करते है....
सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग क्या हैं (What is software engineering?) :-
सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग एक प्रकार का कंप्यूटर से सम्बंधित इंजीनियरिंग कोर्स होता है जो दो शब्दों से मिलकर बना है पहला शब्द है सॉफ्टवेयर और दूसरा शब्द है इंजीनियरिंग। अगर हम दूसरे शब्दों में कहें तो सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग IT की एक ब्रांच है जिसमें विभिन्न प्रकार की सॉफ्टवेयर डिजाइनिंग, डेवलपमेंट, मैनटेनिंग, टेस्टिंग, प्रोग्रामिंग आदि के बारे में सिखाया और पढ़ाया जाता है।
इसमें अलग - अलग प्रकार की प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का उपयोग होता है। जो यूजर की आवश्यकता के अनुसार विभिन्न प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में कोडिंग एक सॉफ्टवेयर डेवलपर मतलब सॉफ्टवेयर इंजीनियर करता है। उसकी टेस्टिंग करके उसे मैंटेन भी करता है। सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए इन सब प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की जानकारी होना बहुत जरूरी है। प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को सीखना बहुत मुश्किल नहीं होता है। सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए लैंग्वेज सीखना बेहद जरुरी है क्योंकि इसके बिना सॉफ्टवेयर इंजीनियर नहीं बना जा सकता है।
कंप्यूटर की प्रोग्रामिंग लैंग्वेज क्या है (What is computer programming language?) :-
● "प्रोग्रामिंग लैंग्वेज एक प्रकार की लिखित भाषा है जो कंप्यूटर को बताती है कि उसे क्या करना है। मूल रूप से, कंप्यूटर प्रोग्रामिंग भाषा हमें कंप्यूटर को उसी भाषा में निर्देश देने की अनुमति देती है जिसे कंप्यूटर समझता है।"
● "प्रोग्रामिंग लैंग्वेज निर्देशों का एक सेट है जो प्रोग्राम को कुछ ऐसे कार्य करने मे मदद करता है। जो प्रोग्रामर द्वारा दिये गए वैध इनपुट के अनुसार ही आउटपुट लौटाते है।"
● "प्रोग्रामिंग लैंग्वेज़ एक कंप्यूटर भाषा है जिसका उपयोग कंप्यूटर के साथ संवाद करने के लिए किया जाता है। यह किसी समस्या को हल करने के लिए स्टेप बाई स्टेप निर्देशों का एक क्रम है।"
अब तो आप समझ गए होंगे कि प्रोग्रामिंग लैंग्वेज़ क्या है क्यों कि यहाँ पर आपको एक नही दो नही बल्कि तीन - तीन प्रकार से समझाया गया है।
अब अगर कंप्यूटर भाषा की बात करे तो इस समय लगभग 2,500 प्रोग्रामिंग भाषाएं मौजूद हैं। जिसमें HTML, JAVA, PHP, C/C++, Python आदि कुछ प्रोग्रामिंग भाषाएं हैं।
एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए आपको इन सभी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की नॉलेज होना बहुत ही आवश्यक है।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर कैसे बने स्टेप बाय स्टेप पूरी जानकारी (How to become a software engineer step by step complete information) :-
सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए नीचे स्टेप बाय स्टेप पूरी जानकारी दिखाई गई है। जो आपके सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के सपने को साकार करेगी ----
स्टेप 1: स्कूल स्तर से : सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए शुरुआत स्कूली स्तर से ही की जाती है। 10वीं की परीक्षा पास कर लेने के बाद साइंस स्ट्रीम को चुनना जरूरी होता है। और आपको यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि विज्ञान विषयों में पढ़ाए जाने वाले सभी बुनियादी विषयों पर आपकी अच्छी से अच्छी पकड़ हो, क्योंकि स्कूल के बाद इस क्षेत्र में हायर एजुकेशन की डिग्री हासिल करने के योग्य होने के लिए यह बहुत ही आवश्यक है। साथ ही, आपको विज्ञान विषयों में अच्छे अंकों की जरूरत होगी ताकि आप अपनी आगे की पढ़ाई के लिए सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में से एक में अध्ययन करने की न्यूनतम जरूरतों को पूरा कर सकें।
स्टेप 2: बैचलर्स डिग्री : सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने की दिशा में सबसे महत्वपूर्ण कदम है तो वह है कि इस क्षेत्र या संबंधित क्षेत्र में बैचलर्स डिग्री प्राप्त करना है। चूंकि ज्यादातर विश्वविद्यालय सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में बैचलर्स की डिग्री प्रदान नहीं करते हैं, इसलिए कंप्यूटर साइंस में बैचलर्स डिग्री के लिए जाना एक अच्छा विचार है, क्योंकि यह कंप्यूटर साइंस के तहत एक विशेष क्षेत्र है।कंप्यूटर साइंस में बैचलर्स डिग्री 4 साल की अवधि का होता है और इसमें उन सभी आवश्यक विषयों को शामिल किया जाएगा जो आपको एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए मास्टर करने की आवश्यकता है। आप संबंधित क्षेत्र में डिप्लोमा करके भी एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन सकते हैं, बैचलर्स डिग्री प्राप्त करना एक अच्छा विचार है क्योंकि शीर्ष कंपनियां अक्सर कम से कम स्नातक की डिग्री रखने वाले उम्मीदवारों को काम पर रखना पसंद करती हैं।
स्टेप 3: इंटर्नशिप : सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने मे तीसरा महत्वपूर्ण कदम है इंटर्नशिप करना। इंटर्नशिप अपनी स्किल्स को प्रैक्टिस में लाने में मदद कर सकती है। जब भी आप अपनी अंडर ग्रेजुएट डिग्री प्राप्त कर रहे हों या इसे पूरा करने के बाद भी इंटर्नशिप के अधिक से अधिक अवसरों का लाभ उठाना सुनिश्चित करें। ये इंटर्नशिप आपको एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर द्वारा किए जाने वाले विभिन्न कार्योंकार्यों के लिए बहुत ही आवश्यक समझ और सूझ-बुझ प्रदान करेगी और साथ ही साथ आपके भविष्य के प्रयासों में सफलता को प्राप्त करने में आपकी सहायता भी करेगी।
स्टेप 4: स्किल को अपडेट करें : कंप्यूटर विज्ञान में बैचलर्स डिग्री ही आपको एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के योग्य बनाती है, आपको केवल विभिन्न नौकरी मे पदों के लिए खुद को तैयार करने के लिए अपने कौशल को बढ़ाने की आवश्यकता है। अलग-अलग प्रोग्रामिंग भाषाओं जैसे कि Python, C++, Java, PHP, HTML आदि को सीखना आपको दूसरों पर प्रतिस्पर्धा में बढ़त दिला सकता है। अपनी स्किल्स को विकसित करने का एक और तरीका यह है कि आप नए सॉफ्टवेयर बनाने में अपना हाथ आजमाएं। इससे आप अपने ज्ञान को व्यावहारिक उपयोग में ला सकेंगे। इसके अलावा आप आगे भी नौकरी के अवसरों को खोलने के लिए सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में मास्टर्स का विकल्प भी चुन सकते हैं।
स्टेप 5: जॉब के लिए आवेदन : सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने की दिशा में अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण कदम नौकरियों के लिए आवेदन शुरू करना है। सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग को नौकरी के लिए अपने सभी स्किल् और अनुभव को उजागर करते हुए किसी कंपनी मे आवेदन शुरू करना होगा। शुरू में आपको एक छोटी कंपनी में नौकरी करनी पड़ सकती है, लेकिन जैसे-जैसे आप अनुभव और अपने कौशल का निर्माण करते रहेंगे, वैसे ही आपको जल्द ही किसी मल्टी नेशनल कंपनी से जॉब ऑफर आना शुरू हो जाते है। आप जल्द ही अपनी सपनों की कंपनी में एक पद पाने के लिए उठ सकते हैं।
12वीं के बाद सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग कोर्स (Software engineering course after 12th) :-
सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग कोर्सेज में एडमिशन लेने के लिए आपको बारहवीं क्लास साइंस स्ट्रीम से पास करना अनिवार्य है जिसमें आपके फिजिक्स, केमेस्ट्री, मैथ्स और कंप्यूटर साइंस ये सभी विषय होने चाहिए। तो चलिए जानते है 12वीं के बाद करने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के कोर्सेज के बारे में -:
● CS Diploma
● IT
● BCA
● B. Tech
● M. Tech
● ME
● B. Sc
● MSc
● PhD
सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग कोर्स (software engineering course) :-
यहाँ नीचे कुछ सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के कोर्सेज के लिए टेबल दी गई है :-
डिप्लोमा स्तर कोर्स :-
=> नेटवर्क और सॉफ्टवेयर का डिप्लोमा
स्नातक स्तर कोर्स :-
=> स्नातक बिजनेस के लिए बीएससी सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग
=> बीईएनजी नेटवर्क और सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग
=> बीई/बीटेक/बैचलर ऑफ सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग
=> बीएससी कंप्यूटर साइंस(सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग)
मास्टर्स स्तर कोर्स :-
=> एमएससी एडवांस्ड सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी
=> एमएससी/एमईएनजी सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग
=> पीजीसीर्ट/पीजीडीआईपी सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग
सिलेबस (syllabus) :-
यहाँ सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग सिलेबस के कुछ जरूरी विषय दिए गए हैं :-
लॉजिक सर्किट, बिजनेस डाटा प्रोसेसिंग, एप्लाइड फिजिक्स, कंप्यूटर प्रोग्रामिंग, कोर मैथ्स, ऑपरेटिंग सिस्टम, इंजीनियरिंग मैकेनिक्स, बेसिक इलेक्ट्रिसिटी एंड इलेक्ट्रॉनिक्स, अप्लाइड केमिस्ट्री, इंजीनियरिंग ड्राइंग, डिस्क्रीट स्ट्रक्चर, कंप्यूटर मैथड्स एंड एल्गोरिथ्म, C प्रोग्रामिंग, कंप्यूटर आर्गेनाइजेशन, कंप्यूटर नेटवर्क एंड कम्युनिकेशन, डिजिटल सिग्नल प्रोसेसिंग, डाटा कम्युनिकेशन
(आप AI Course Finder की मदद लेकर अपने पसंदीदा कोर्सेज और उससे सम्बंधित टॉप यूनिवर्सिटी का आसानी से चयन कर सकते हैं। )
टॉप विदेशी यूनिवर्सिटीज (Top foreign universities) :-
यहाँ नीचे कुछ प्रमुख विश्वविद्यालय दर्शाये गए हैं, जिनके माध्यम से आप इंजीनियरिंग के इस विशेष क्षेत्र में अच्छी से अच्छी यानी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा बड़ी सरलता से प्राप्त कर सकते हैं :-
● मेसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (कैंब्रिज, united states)
● यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (लंदन, इंग्लैंड)
● साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय (इंग्लैंड)
● मिशिगन यूनिवर्सिटी (USA)
● मेलबर्न विश्वविद्यालय (ऑस्ट्रेलिया)
● ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय (कनाडा)
● टेक्सास ए एंड एम विश्वविद्यालय (संयुक्त राज्य)
● तस्मानिया विश्वविद्यालय (ऑस्ट्रेलिया)
● न्यू ऑरलियन्स विश्वविद्यालय ( संयुक्त राज्य अमरीका)
● वाशिंगटन विश्वविद्यालय (संयुक्त राज्य)
● नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर(मलेशिया)
● यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास एट ऑस्टिन (संयुक्त राज्य)
● स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय ( केलिफोर्निया , संयुक्त राज्य अमेरिका)
● टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ डेनमार्क (डेनमार्क)
● इंपीरियल कॉलेज (लंदन, इंग्लैंड)
● यूनिवर्सिटी ऑफ एडिलेड (ऑस्ट्रेलिया)
● यूनिवर्सिटी ऑफ अल्बर्टा (कनाडा
● हीरियट–वाट यूनिवर्सिटी(एडिनबर्ग, स्कॉटलैंड)
(आप UniConnect के माध्यम से विश्व के सबसे पहले और सबसे बड़े ऑनलाइन विश्वविद्यालय मेले का हिस्सा बनने का मौका प्राप्त कर सकते हैं, जहाँ आप अपनी पसंद के विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि से सीधा संपर्क कर सकेंगे।)
सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के लिए टॉप भारत मे कॉलेज (Top colleges in India for software engineering) :-
केवल भारत की ही बात करे तो 200 से ज्यादा सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग कॉलेज हैं, जिससे हर साल हजारों से भी ज्यादा सॉफ्टवेयर इंजीनियर स्टूडेंट पास आउट होकर सॉफ्टवेयर इंडस्ट्री में कदम रखते हैं। इन सभी इंजीनियरिंग कॉलेज में बैचलर्स, मास्टर्स और डिप्लोमा की डिग्री उपलब्ध हैं। यहाँ नीचे देश के टॉप सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग कॉलेज के नाम दर्शाये गए हैं।
● सभी IIT
●आंध्र यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, विशाखापत्तनम
● एनआईटी सुरथकल – नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कर्नाटक
● इंस्टीट्यूशंस ऑफ इंजीनियर्स इंडिया, कोलकाता
● सीवी रमन ग्लोबल यूनिवर्सिटी, भुवनेश्वर
● वेल्स विश्वविद्यालय – वेल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस टेक्नोलॉजी एंड एडवांस्ड स्टडीज
● श्रीनिवास इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मैंगलोर
● शिवाजी विश्वविद्यालय, कोल्हापुरी
● इंडियन मैरीटाइम यूनिवर्सिटी, चेन्नई
● पार्क कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, कोयंबटूर
● समुंद्रा इंस्टिट्यूट ऑफ मैरीटाइम स्टडीज, पुणे
● जी के एम कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, चेन्नई
(आप AI Course Finder की मदद से भी अपने पसंदीदा कोर्सेज और उससे सम्बंधित टॉप यूनिवर्सिटी का भी चयन कर सकते हैं।)
योग्यता (Ability) :-
यदि आप इस क्षेत्र में डिग्री प्राप्त करने के इच्छुक हैं, तो आपको अपने चुने हुए विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित पात्रता मानदंडों को पूरा करना होगा। ये आवश्यकताएं कोर्सेज के स्तर के अनुसार भिन्न होती हैं, जैसे बैचलर, मास्टर या डिप्लोमा। इंजीनियरिंग कोर्सेज के लिए कुछ सामान्य योग्यता इस प्रकार हैं–
इंजीनियरिंग में बैचलर्स डिग्री प्रोग्राम के लिए ज़रुरी है कि उम्मीदवार ने किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से PCM (फिजिक्स, केमिस्ट्री, गणित) से 10+2 प्रथम श्रेणी से पास किया हो। और मास्टर्स डिग्री(PG) प्रोग्राम के लिए जरूरी है कि उम्मीदवार ने संबंधित क्षेत्र मे बैचलर डिग्री प्रोग्राम 55%-60% अंको के साथ पास किया हो। मगर कुछ यूनिवर्सिटीज अपने स्तर से प्रवेश परीक्षा के आधार पर एडमिशन स्वीकार करतीं हैं।
भारत में इंजीनियरिंग में बैचलर्स के लिए कुछ कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज में JEE mains, JEE Advanced, MHT CET जैसे प्रवेश परीक्षा के स्कोर अनिवार्य हैं। साथ ही कुछ कॉलेज और यूनिवर्सिटीज अपनी स्वयं की प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करतीं हैं। विदेश में इन कोर्सेज के लिए यूनिवर्सिटी द्वारा निर्धारित आवश्यक ग्रेड आवश्यकताओं को पूरा करना जरुरी है, जो हर यूनिवर्सिटी और कोर्स के अनुसार अलग–अलग हो सकती है।
विदेश की ज्यादातर यूनिवर्सिटीज बैचलर्स कोर्सेज के लिए SAT और मास्टर्स कोर्सेज के लिए GRE स्कोर की मांग करते हैं।
विदेश की यूनिवर्सिटीज में Admission के लिए IELTS या TOEFL, PTE टेस्ट स्कोर, अंग्रेजी Proficiency के प्रमाण के रूप में ज़रूरी होते हैं। जिसमे IELTS स्कोर 7 या उससे अधिक और TOEFL स्कोर 100 या इससे अधिक होना चाहिए।
विदेश की यूनिवर्सिटीज में पढ़ने के लिए SOP, LOR, सीवी या रिज्यूमे और पोर्टफोलियो भी जमा करने की जरूरत पड़ती है।
(क्या आप IELTS/TOEFL/SAT/GRE में अच्छे और ज्यादा अंक प्राप्त करना चाहते हैं? तो आज ही इन exams की बेहतरीन तैयारी के लिए Leverage Live पर तुरंत रजिस्टर करें और अच्छे और ज्यादा से ज्यादा अंक प्राप्त करें।)
विदेश की यूनिवर्सिटीज मे प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है (The application process for admission to a foreign university is as follows) :-
आपकी आवेदन प्रक्रिया का सबसे पहला स्टेप सही कोर्स चुनना है, जिसके लिए आप AI Course Finder की मदद लेकर अपने पसंद के कोर्सेज का चुनाव करके उसे शॉर्टलिस्ट कर सकते हैं।
एक्सपर्ट्स से कॉन्टैक्ट के बाद वे कॉमन डैशबोर्ड प्लेटफॉर्म के माध्यम से कई यूनिवर्सिटीज मे आपकी आवेदन प्रक्रिया को शुरू करेंगे।
इसके बाद आपका अगला कदम है कि आप अपने सभी दस्तावेजों जैसे SOP, निबंध, Certificates और LOR और आवश्यक टेस्ट स्कोर जैसे IELTS, TOEFL, SAT, ACT आदि को इकट्ठा करना और सुव्यवस्थित करना है।
अगर आपने अभी तक अपनी IELTS, TOEFL, PTE, GMAT, GRE आदि परीक्षा के लिए तैयारी नहीं की है, जो निश्चित रूप से विदेश में अध्ययन करने का एक महत्वपूर्ण जरिया है, तो आप Leverage Live क्लासों यानी कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। ये कक्षाएं आपको अपने टेस्ट में ज्यादा से ज्यादा स्कोर प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण कारक साबित हो सकती हैं।
आपका एप्लीकेशन और सभी आवश्यक दस्तावेज जमा कर देने के बाद आप एक्सपर्ट्स आवास, छात्र वीजा और छात्रवृत्ति / छात्र लोन के लिए भी आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे ।
अब आपके पास प्रस्ताव पत्र की प्रतीक्षा करने का समय है जिसमें लगभग 4 से 6 सप्ताह या उससे भी ज्यादा का समय लग सकता है। ऑफर लेटर आने के बाद उसे स्वीकार करके जितना भी सेमेस्टर शुल्क हो उसका भुगतान करना आपकी आवेदन प्रक्रिया का अंतिम तथा आखिरी प्रक्रिया है।
(आवदेन प्रक्रिया से सम्बन्धित जानकारी और सहायता के लिए Leverage Edu के एक्सपर्ट्स से 1800572000 पर तुरंत संपर्क कर सकते है।)
भारत के यूनिवर्सिटीज में आवेदन प्रक्रिया, इस प्रकार है (The application process in Indian universities is as follows) :-
सबसे पहले आप अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूजर नेम और पासवर्ड प्राप्त हो जायेगा।
फिर वेबसाइट में साइन इन(sing in) के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग और भी बहुत सी जानकारी भरने के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
इसके बाद आवेदन फॉर्म को जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान सब कुछ जांच लेने के बाद ही करें।
(यदि एडमिशन प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर ही आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।)
आवश्यक दस्तावेज़ (Required Documents) :-
यहाँ नीचे कुछ जरूरी दस्तावेज़ों की लिस्ट दी गई हैं। जिसे आप अपने पास इकट्ठा करके सुरक्षित रखे ताकि जरूरत पड़ने पर आप इसका यूज कर सके :–
● आधिकारिक शैक्षणिक ट्रांसक्रिप्ट
● स्कैन किए हुए पासपोर्ट की कॉपी
● IELTS या TOEFL, आवश्यक टेस्ट स्कोर
● प्रोफेशनल/एकेडमिक LORs
● SOP
● निबंध (यदि आवश्यक हो)
● पोर्टफोलियो (यदि आवश्यक हो)
● अपडेट किया गया सीवी / रिज्यूमे
● एक पासपोर्ट और छात्र वीजा
● बैंक विवरण
(छात्र वीजा प्राप्त करने के लिए भी Leverage Edu के विशेषज्ञों से मदद ले सकते है ये विशेषज्ञ आपकी हर सम्भव मदद करेंगे।)
प्रवेश परीक्षाएं (entrance examinations) :-
यहां नीचे उन सभी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त प्रवेश परीक्षाओं की सूची दर्शायी गई है जिनका उपयोग भारत और विदेशों के यूनिवर्सिटी इंजीनियरिंग डिग्री के लिए छात्रों को प्रवेश देने के लिए करते हैं। -:
विदेश में बैचलर्स के लिए :-
● SAT
● JEE Mains
● AICET
● MERI Entrance Exam
विदेश में मास्टर्स के लिए :-
● GRE
● JEE Advanced
● IMU CET
करियर विकल्प (career options) :-
आइए इस क्षेत्र में नौकरी के कुछ अवसरों पर एक नज़र डालें। ग्रेजुएट्स के पास नौकरी के ढेर सारे अवसर हैं, खासकर क्योंकि यह हर दिन नए और बेहतर सॉफ्टवेयर और ऐप्स की आवश्यकता के कारण तेजी से बढ़ता हुआ उद्योग है। यहां कुछ नौकरी के पद दिए गए हैं जिन्हें आप चुन सकते हैंहैं :-
● सॉफ्टवेयर इंजीनियर
● सॉफ्टवेयर आर्किटेक्ट
● सॉफ्टवेयर स्पेशलिस्ट
● चीफ टेक्निकल ऑफिसर
● सॉफ्टवेयर ट्रेनी डेवलपर
● साइबर सिक्योरिटी मैनेजर
● सॉफ्टवेयर डेवलपर
● सेल्स मैनेजर
● वीडियो गेम डिज़ाइनर
● प्रोग्रामर
सॉफ्टवेयर इंजीनियर के कार्य (Software Engineer Jobs) :-
सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनने के लिए आपको कंप्यूटर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज यानी कंप्यूटर की भाषा जैसे C, C++, JAVA, Python, CSS, Php आदि की जानकारी होना जरूरी है क्योंकि एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर इनकी सहायता से ही सॉफ्टवेयर डेवलप करता है। एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के निम्नलिखित कार्य होते हैं। :-
● एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर का मुख्य कार्य प्रोग्रामिंग करना।
● सॉफ्टवेयर डेवलप करना।
● मोबाइल ऐप्स बनाना।
● लैपटॉप और कंप्यूटर के लिए सॉफ्टवेयर बनाना।
● ऐप व प्रोग्राम को डेवलप करने मे आने वाली परेशानियों को सॉल्व करना।
● सॉफ्टवेयर की टेस्टिंग करना।
● सॉफ्टवेयर को मैंटेन रखना।
● यूजर की आवश्यकता के अनुसार सॉफ्टवेयर बनना।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर की सैलरी (software engineer salary) :-
अपने भारत में ऐसी कई टॉप कंपनी से जो सॉफ्टवेयर इंजीनियर को बहुत अच्छी खासी सैलरी है। भारत मे सॉफ्टवेयर इंजीनियर को टॉप कंपनीज द्वारा दी जाने वाली सैलरी को अच्छी तरह से समझने के लिए एक टेबल नीचे दर्शाया गया है, जहां आप भी अपनी कंपनी का नाम देख सकते है -:
कंपनी नाम सैलरी (रुपए, वार्षिक)
Tata 13,49,000 लगभग
Birla 4.2 लाख - 13 लाख लगभग
Flipkart 1 लाख – 40 लाख लगभग
Apple 12 लाख – 96 लाख लगभग
Reliance 2 लाख – 13 लाख लगभग
Zomato 2 लाख – 31 लाख लगभग
सॉफ्टवेयर इंजीनियर सैलरी 2023 (software engineer salary 2023) :-
जैसा कि हमने आपको बताया सॉफ्टवेयर इंजीनियर एक बहुत ही ऊंचे पद की नौकरी है जिसके लिए सभी देश अपने वर्कर्स को अपने हिसाब से पे करते है। आजकल तो अलग अलग कंपनियां अपने सॉफ्टवेयर इंजीनियर को उनके अनुभव के अनुसार पैसे देती हैं।
आपको बता दें अलग-अलग देशों में सॉफ्टवेयर इंजीनियर की सैलरी अलग-अलग होती है। इसमें देश के अर्थव्यवस्था, सॉफ्टवेयर उद्योग की विकास दर और सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की मांग जैसे कई कारक होते हैं। चाहे किसी भी कारण से पर यह क्षेत्र रोजगार के लिए बहुत ही अच्छा विकल्प है।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर की सालाना आय (Annual income of software engineer) :-
यदि हम बात करें एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर की सालाना आय की तो आपको बता दें यूएस डॉलर के अनुसार एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर को $91,098 के आसपास सैलरी दी जाती है। सॉफ्टवेयर इंजीनियर एक अच्छा पैसों वाला रोजगार है, जिसकी मांग तेजी से बढ़ रही है।
वही अब हम बात करें एक सॉफ्टवेयर मैनेजर या अनुभवी सॉफ्टवेयर इंजीनियर के सालाना आय की तो हमारे भारत देश में तो ₹3,00,000 से लेकर ₹15,00,000 तक के बीच सैलरी कंपनी की तरफ से एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के लिए निर्धारित की जाती है। सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी मुख्य रूप से ऐसे लोगों के लिए है जिन्हें कोडिंग और टेक्नोलॉजी की समझ है।
यदि आप किसी मल्टी नेशनल कंपनी जैसे गूगल में काम कर रहे हैं तो आप की सैलरी भारतीय मुद्रा(INR) के अनुसार 1 करोड़ प्रतिवर्ष तक भी हो सकती है।
सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग बनने के लाभ (Benefits of becoming a software engineer) :-
यह बड़े सॉफ्टवेयर की कठनाइयों को कम करता है। बड़ा सॉफ्टवेयर हमेशा थोड़ा जटिल और चुनौती भरा होता है। सॉफ्टवेयर इंजीनियर के द्वारा बड़े प्रोजेक्ट की कठिनताओं को कम किया जा सकता है। जिससे छोटी समस्या को आसानी से हल किया जा सकता है।
सॉफ्टवेयर की मदद से प्रोजेक्ट को हैंडल करना आसान होता है। बड़े प्रोजेक्ट्स को पूरा करने में बहुत समय लगता है और इसके लिए बहुत प्लानिंग करनी पड़ती है। अगर हम सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के तरीके को फॉलो करते हैं तो बड़े प्रोजेक्ट्स को बड़ी आसानी से संभाला जा सकता है।