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जानिए AC चलाने का सही तरीका

 Know about the correct way to operate AC




बहुत कम ही लोग जानते हैं कि AC चलाने का आखिर सही तरीका क्या है, जिससे AC की लाइफ ज्यादा हो और बिजली की खपत भी कम हो। ऐसे में आज हम आपको कुछ टिप्स बता रहे हैं, जिसके अपनाकर अगर आप अपने AC को चलाएंगे तो AC की वजह से बिजली का बिल कम आएगा। 



AC का टन कमरे के आकार, कमरे मे रखे सामान, कमरा कहां बना है, इस पर निर्भर करता है। अगर आपके घर में AC है या फिर आप AC को खरीदना भी चाहते हैं तो आपके दिमाग में सबसे ज्यादा सवाल बिजली के बिल को लेकर रहते हैं। जिन घरों में AC हैं वो AC चलाते तो हैं, लेकिन कोशिश करते हैं कि AC की ठंडक भी बनी रहे और बिजली का बिल भी ज्यादा ना आए। 


ऐसे में लोगों के अलग अलग दावे भी होते हैं, जिनमें AC का बिल कम आने की बात कही जाती है। लेकिन, बहुत कम लोग जानते हैं कि AC चलाने का आखिर सही तरीका क्या है, जिससे बिजली की खपत कम हो सके। 


ऐसे में आज हम आपको कुछ टिप्स बता रहे हैं, जिसके अनुसार अगर आप अपना AC चलाएंगे तो ना सिर्फ AC की वजह से बिल कम आएगा बल्कि आपके AC की लाइफ भी बढ़ जाएगी। तो चलिए जानते हैं आखिर AC चलाने का सही तरीका क्या है…... 


1.  एक समान टेम्प्रेचर पर रखें एसी (Keep AC at uniform temperature) :-

यह कई सारी रिपोर्ट में सामने आ चुका है कि अगर AC का टेम्प्रेचेर एक समान रहता है या स्टेबेल रहता है, तो इससे बिजली के बिल पर काफी असर पड़ता है। 

बताया जाता है कि इससे एक डिग्री पर करीब 6 फीसदी बिजली का असर पड़ता है और आप थोड़ा टेम्प्रेचर बढ़ाकर रखते हैं तो इससे आपके AC से आने वाले बिल पर 24 फीसदी तक का फर्क पड़ जाता है। 




2.  18° की जगह 24° पर रखें (Keep it at 24° instead of 18°) :-

कई लोग एकदम से गर्मी लगने पर 18° टेम्प्रेचर पर AC चलाते हैं और फिर इसे कम ज्यादा करते रहते हैं। ऐसे में आप कोशिश करें कि 18° के स्थान पर 24° तापमान पर AC को चालू रखें, इससे आपको एक दम से भले ही ठंडक महसूस ना हो, लेकिन कुछ देर में आपका कमरा अच्छे से ठंडा हो जाएगा और इससे आपका बिजली का बिल भी काफी कम हो जाएगा। 




3.  ज्यादा डिवाइस हो तो हटा दें (If there are more devices, remove them) :-

कई बार ऐसा होता है कि जिस कमरे में AC लगा होता है, उसमें कई और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस भी लगी होती हैं। इसकी वजह से भी कमरे को ठंडा होने में वक्त लगता है और आपको कम तापमान पर AC चलाना पड़ता है। ऐसे में कोशिश यह करें कि जिस कमरे में AC को चला रहे हैं, वहां फ्रीज आदि सामान ना रखें, क्योंकि इससे गर्मी ज्यादा बढ़ती है। 




4.  टाइमर का इस्तेमाल करें (Use a timer) :-

यह बहुत से लोगों के साथ होता है, कि वे रात में AC चलाकर सोते है। रात में कमरा ठंडा होने के बाद और उन्हें तेज ठंड लगने के बाद भी वो नींद में होने की वजह से AC बंद नहीं करते हैं।


इससे रातभर AC चलता रहता है। ऐसे में कुछ घंटे के लिए AC का टाइमर लगा सकते हैं। इससे AC कुछ घंटे बाद खुद ही बंद हो जाएगा और आपका कमरा ठंडा रहेगा और AC भी सही समय पर बंद हो जाएगा। इस आदत से आपका AC का बिल काफी कम हो सकता है। 




5.  फैन और एसी साथ में चलाएं (Run fan and AC together) :-

अगर आप चाहते हैं कि आपको कम से कम AC को चलाना पड़े। ऐसे में आप पहले थोड़ी देर AC चलाएं और उसके बाद कम स्पीड में पंखा चला दें। 

इससे AC की ठंडक पूरे कमरे में फैल जाएगी और कुछ देर में आपको AC बंद करने की जरूरत पड़ेगी। इससे आपका पंखे में भी काम चल जाएगा। 



जानिए कैसेट एसी के बारे में

Know about Cassette AC



दुनिया मे बहुत से लोग अपने घर को गर्म या ठंडा करने के सबसे बेहतरीन और कुशल AC में से एक cassette AC (कैसेट एसी) से अभी भी अनजान हैं। वास्तव में, cassette AC (कैसेट एसी) इतने सरल और साधारण होते हैं कि अधिकांश लोगों ने इस cassette AC (कैसेट एसी) को बिना यूज किये ही अनुभव कर लिया है। 





cassette AC(कैसेट एसी) सिस्टम मुख्य रूप से कार्यालय, भवनों, बड़े मॉल और खुली योजना क्षेत्रों में बड़े स्थानों को गर्म करने और ठंडा करने के लिए उपयोग किया जाता है, लेकिन cassette AC(कैसेट एसी) बड़े या खुले स्थानों मे उपयोग के साथ साथ घरेलू उपयोग के लिए भी उपयुक्त हैं| यही नही cassette AC(कैसेट एसी) सिस्टम आपके घर पर जलवायु नियंत्रण की ज़रूरतों के अनुरूप भी है।






लेकिन cassette AC(कैसेट एसी) वास्तव में क्या है और यह कैसे काम करता है? कैसेट एयर कंडीशनर के क्या फायदे हैं। इसके विषय मे पूरी जानकारी न होना, यह हम सभी लोगो के सामने अभी भी एक जटिल समस्या के रूप मे बनी हुई हैं।





तो  चलिए  इस  पोस्ट  के  माध्यम  से  आप  सभी लोगों की इस  जटिल  समस्या  को  दूर  करने  का  प्रयास  करते  हैं ताकि आप सभी लोग इस cassette AC(कैसेट एसी) का आनंद उठा सके। तो सबसे पहले समझते है कि....... 




कैसेट एसी क्या है? (What is Cassette AC?) :-

एक cassette AC(कैसेट एसी) अनिवार्य रूप से एक प्रकार की विभाजन प्रणाली है, क्योंकि इसमें दो यूनिट होती हैं,एक अंदर और दूसरी बाहर स्थापित होती हैं| cassette AC(कैसेट एसी) के साथ अंतर यह है कि Indoor unit(इनडोर यूनिट) छत  में  स्थापित  होती है।


Indoor unit(इनडोर यूनिट) एक माउंटेड ग्रिल है जो वेंट के माध्यम से गर्म या ठंडी हवा देता है और इसके लिए किसी डक्टवर्क की जरूरत भी नहीं होती है।Indoor(इनडोर) और Outdoor(आउटडोर) यूनिट को जोड़ने वाली नली छत की जगह में छिपी हुई हैं। सरल और सीधा डिजाइन उन्हें न केवल कार्यालयों और अन्य व्यावसायिक अनुप्रयोगों के लिए ही नहीं बल्कि घरों और अपार्टमेंटों के लिए भी आदर्श बनाता है। 


cassette AC(कैसेट एसी) सिस्टम का सबसे शोर करने वाला हिस्सा "कंडेनसर (या कंप्रेसर)" होता हैं जो कि घर के बाहर  होता है। 






कैसेट एसी सिस्टम कैसे काम करता है? (How does a cassette AC system work?) :-

cassette AC(कैसेट एसी) अन्य वॉल-माउंटेड spilt system unit की तरह काम करते हैं। इसे हम दूसरे शब्दो मे इस प्रकार से समझ सकते है कि एक cassette AC(कैसेट एसी) अन्य spilt system की तरह ही काम करता है। 



परन्तु वास्तविक अंतर यह है कि cassette AC(कैसेट एसी) के सिस्टम छत पर लगे होते हैं, दीवार पर नहीं और तो और cassetteAC(कैसेट एसी) की हेड यूनिट को आकर्षक रूप देने के लिए छत के साथ फ्लश लगाया जाता है। यह हेड यूनिट के सेंटर यानी केन्द्र में हवा खींचता है, और इस हवा को ठंडा या गर्म करता है, परन्तु ठंडी हवा और गर्म हवा केवल और केवल इस पर निर्भर करती है कि आपने अपने AC को किस mode पर सेट किया है। 



इसके बाद यह "4 वे" वेंट सिस्टम के माध्यम से एक cassette AC(कैसेट एसी) हवा से गंध, प्रदूषक, धूल और अतिरिक्त नमी को हटा देता है और इसे या तो ठंडी या गर्म ताजी हवा मे बदल देता है। seeling AC(सीलिंग एयर कंडीशनर) के साथ किसी डक्टवर्क की आवश्यकता नहीं होती है और आउटडोर कंडेनसर एक से अधिक Indoor unit(इनडोर यूनिट) को पावर दे सकता है, इसलिए यदि आवश्यक हो तो आप कई कमरों में सीलिंग ग्रिल्स स्थापित कर सकते हैं। 




इनडोर कैसेट के वेंट के माध्यम से दो, तीन या चार दिशाओं में ठंडी या गर्म हवा को नीचे की ओर भेजा जाता है। अधिक सामान्य वर्ग मॉडल के साथ, गोलाकार डिज़ाइन हैं जो 360 डिग्री एरिया को कवर करता हैं, जिससे आपको सभी जगह बराबर वायु प्रवाह मिलता है। 






कैसेट एसी के लाभ (Benefits of Cassette AC) :-

=>   एक cassette AC(कैसेट एसी) आपकी छत में बड़े आराम से फिट बैठता है और आपके घर में कोई दीवार की जगह भी नहीं लेता है।


 

=>   cassette AC(कैसेट एसी) हर दिशा में समान रूप से गर्म हवा और ठंडी हवा को भेजता हैं।


 

=>   cassette AC(कैसेट एसी) कमरे को जल्दी और कुशलता से गर्म या ठंडा करते हैं, जिसका मतलब यह है कि स्वयं के द्वारा निर्धारित किये गये तापमान तक पहुँचने पर ऊर्जा की बचत करता है।


 =>   ये AC सिस्टम कार्यालयों और अन्य बड़े स्थानों में उपयोग किए जाते हैं, इसलिए यदि आपके पास एक खुली योजना का डिज़ाइन है तो यह आपके घर के लिए आदर्श होगा। कॉम्पैक्ट इकाइयां छोटी जगहों के लिए भी उपयुक्त हैं।



=>   cassette AC(कैसेट एसी) दिखने मे स्टाइलिश होते हैं और अधिकांश घरेलू डिजाइनों में आसानी और सरलतासे फिट हो सकते हैं।


=>   आमतौर पर cassette AC(कैसेट एसी) की दूसरी यूनिट बाहर स्थित होती हैं। और पहली यूनिट अंदर होती हैं जिससे बिना किसी शोर गुल के गर्म या ठंडी हवा निकलती हैं साथ मे यह किसी कार्यालय या भवन के निवासियों के कर्मचारियों के काम मे बाधा नही बनती हैं।


=>   अतिरिक्त सुविधा और आराम के लिए प्रोग्राम करने योग्य थर्मोस्टेट के साथ तापमान को नियंत्रित भी कर सकते हैं।


=>   कैसेट एयर कंडीशनर कई वर्षों तक चलते हैं और इनका रखरखाव भी बड़ा आसान होता हैं। और आपको समय समय पर नियमित रूप से सूखे कपड़े से वेंट को पोंछना चाहिए और नियमित रूप से एयर फिल्टर को भी साफ या बदलना चाहिए।





कैसेट एसी के नुकसान (Disadvantages of Cassette AC) :-

=>   cassette AC(कैसेट एसी) छत पर लगे होते हैं उनके कम्प्रेसर बाहर लगे होते हैं। बड़ी और ऊँची इमारतों में एयर कंडीशनिंग ब्लॉक और कम्प्रेसर के बीच की दूरी बहुत अधिक हो सकती है, जिसका अर्थ यह है कि इसको लगाने के दौरान दीवारों में कई छेद ड्रिल किए जा सकते हैं| यह बहुत महंगा भी हो सकता है और इसे स्थापित करने में लंबा समय भी लग सकता है।


 =>   यदि आप जिस इमारत में रहते हैं या काम करते हैं उसमें कई मंजिलें हैं, तो यह निश्चित नहीं है कि छत पर cassette AC(कैसेट एसी) लगाने के लिए आपके पास पर्याप्त जगह मिल ही जाए।


=>   यदि आप अपने पूरे घर को गर्म या ठंडा करना चाहते हैं, तो आपको कई इनडोर ग्रिल्स की आवश्यकता भी होगी मतलब आपको कई यूनिट की आवश्यकता भी पड़ेगी जिससे आपका खर्चा भी बढ़ेगा।


 =>   मानक वॉल-माउंटेड Spilt system की तुलना में cassette AC(कैसेट एसी) खरीदना और उसको लगाना बहुत अधिक महंगा हो जाता हैं।


=>   अगर आपके पास एक ऐसा घर है जो cassette AC(कैसेट एसी) के अनुकूल है, तो इसमें कोई दुविधा नहीं है कि बड़े और छोटे कमरों को गर्म और ठंडा करने के मामले में यह एक कुशल और साधारण विकल्प है। cassette AC(कैसेट एसी) सिस्टम आपके घर के लिए सही है या नहीं यह जानने के लिए किसी जलवायु नियंत्रण विशेषज्ञ से बात करके आपकी समस्या का समाधान हो सकता हैं।



 


AC लेने का विचार बना रहे हैं तो इन बातो का रखे ध्यान||

Keep these things in mind before buying AC



अब सर्दियां चली गयी हैं और तेजी से गर्मी पड़ने वाली है। जब भी गर्मियों का मौसम आता है तब हमे याद आती है AC की। हर बार की तरह इस बार भी अगर आप यह सोच रहे हैं कि गर्मी का काम पंखे से हो जाएगा तो आप बिल्कुल गलत सोच रहे हैं, क्योंकि इस बार जितनी कड़क ठंड पड़ी है ठीक उतनी ही या उससे कहीं अधिक तपती गर्मी भी पड़ेगी। 



तो जाहिर सी बात है कि हमारे जैसे कई लोग गर्मी शुरू होते ही यह प्लान बनाने लगते हैं कि इस गर्मी में AC खरीदेंगे लेकिन जब भी आप मार्केट मे AC खरीदने के लिए जाते हैं तो दुकानदार आपसे कई  सवाल करता है कि आपका सिर चकरा जाता हैं जैसे..... 


1–>  आपको कितने ton(टन) का AC चाहिए। (1 ton, 2 ton, 3 ton या 5 ton) 

2–>  आपको कौन सा AC चाहिए। (window AC, Split AC, Cassette AC या Portable AC) 

3–>  आपको कितनी स्टार रेटिंग का AC चाहिए। (1 स्टार, 2 स्टार, 3 स्टार, 4 स्टार या 5 स्टार) 



तो इस प्रकार के कई सारे सवाल आपके दिमाग को उलझा कर रख देते हैं और फिर आप एक सही और अपने जरूरत के हिसाब से AC का चुनाव भी नही कर पाते हैं। लेकिन आपको अब बिल्कुल भी घबराने की जरूरत नही हैं क्योंकि यह पोस्ट आपके सारे सवालों को दूर करने के लिए ही बनाई गयी हैं। 



जिसको पढ़कर आप एक सही और अपने जरूरत के हिसाब से AC को खरीद सकेंगे और साथ ही साथ आपका पैसा भी बर्बाद होने से बच जायेगा। 




तो आइये आपके मुख्य सवालों के उत्तर देने से पहले हम आपको यह बता दे कि AC होता क्या हैं और इसका फुल फॉर्म क्या होता हैं। 



  AC होता क्या हैं (What is AC?) :-

कमरे की गर्म हवा को ठंडा करने के लिये AC एक ऐसी सरल और आसान प्रक्रिया है, जिसके जरिये आप अपनी सुविधा और जरूरत के अनुसार कमरे से गर्मी और नमी को बाहर निकाल सकते है। AC जिस जगह या एरिया पर लगा होता है, वह उस जगह या एरिया से गर्म हवा को सोखता है, और उस गर्म हवा को अपने अंदर लगे हुऐ Refrigerant और Coils के जरिए Process करके ठंडी हवा को वापस बाहर निकलता है। जिससे वहाँ का वातावरण ठंडा हो जाता है, और उस जगह का तापमान कम होने लगता है। अगर इसे हम  सरल भाषा में कहे तो AC आपके कमरे की गर्मी को बाहर निकालकर उसे ठंडा कर देता है। उम्मीद है कि आप समझ गए होंगे कि AC क्या है। 



  AC का फुल फॉर्म क्या होता हैं (What is the full form of AC?) :-

AC का फुल फॉर्म "AIR CONDITIONER" हैं। हिंदी में इसे "एयर कंडीशनर" कहते हैं जिसका अर्थ वातानुकूलक होता है। 




अब हम बात करते हैं कि आपके लिए कितने ton(टन) का AC खरीदना सही रहेगा।अभी यहाँ इस पोस्ट मे हम सिर्फ AC के ton(टन) के बारे मे जानकारी देंगे बाकी के दो सवालों के बारे मे हम आपको अगली पोस्ट मे बतायेंगे क्योंकि पोस्ट काफी लंबी हो जाएगी। 



तो ठीक हैं अब शुरू करते हैं AC के ton(टन) के बारे मे। इस भयंकर गर्मी को देखते हुए अगर आप नया AC खरीदने का मूड बना रहे हैं तो आपको AC के ton(टन) के बारे में जरूर पता होना चाहिए, क्योंकि AC कैपेसिटी इसी के हिसाब से मापी जाती है। आइए जानते हैं क्या होता है AC में टन का मतलब..... 



●  क्या होता है AC में ton का मतलब (What is the meaning of ton in AC?) :-

AC मे ton(टन) का मतलब यह होता हैं कि AC उतनी ठंडक देगा जितनी ठंडक 1 ton(टन) बर्फ को कमरे के अंदर रखने से होती हैं। 

पहले के समय मे जब AC नही हुआ करता था तब गर्मी के मौसम मे कमरे को ठंडा करने के लिए कमरे के अंदर 1 हजार किलो ग्राम यानी 1 ton(टन) बर्फ़ रखते थे जो 1 घण्टे मे 12000 BTU को खत्म करने की क्षमता रखते थे यानी कि गर्मी को खत्म करता था। क्योंकि गर्मी को BTU(British Thermal Units) मे मापा जाता हैं। ठीक उसी सिस्टम को देखकर AC मे ton(टन) का नाम रखा गया। 

जैसे 1 ton(टन) बर्फ को कमरे मे रखने से कमरे के अंदर 12000 BTU खत्म होता है ठीक उसी प्रकार 1 ton(टन) के AC को कमरे मे लगाया जाए तो यह भी 1 घंटे के अंदर 12000 BTU को खत्म करेगा। 12000 BTU को खत्म करने का मतलब गर्मी को खत्म करना यानी कि गर्मी कम करने से है। जिससे कमरे का तापमान कम होकर ठंडा हो जाए। 



इसके अलावा भी आपको कितने ton(टन) का AC चाहिए, यह कई बातों पर निर्भर करता है, मतलब कमरे का साइज, कमरे में कितने लोग रहते हैं, कमरे में रखा सामान, कमरे में इलेक्ट्रिकल प्रोडक्ट्स और कमरा सीधी धूप की तरफ है या नहीं। 



जिनके घर में एयर कंडीशनर लगा भी है, उनको भी नहीं पता है कि AC मे ton(टन) का मतलब क्या होता हैं। 



आजकल मार्केट मे कई ton(1 टन,  2 टन,  3 टन) के AC उपलब्ध रहते हैं। मतलब ये होता है कि अगर आप 1 ton(टन) का AC मार्केट से खरीद रहे हैं तो यह AC आपको उतनी ही ठंडक देगा जितनी कि 1 ton(टन) बर्फ देता है। इसका सीधा संबंध आपके कमरे के साइज़ पर निर्भर करता है। ठीक इसी प्रकार 2 और 3 ton (टन) के AC आपको उतनी ही ठंडक देगा जितनी की 2 और 3 ton(टन) बर्फ देता है। जैसा की ऊपर बताया गया है। 



  AC मे ton का इस्तेमाल क्यो होता हैं (Why is ton used in AC?) :-

हम आपको बता दें कि ton(टन) वो यूनिट है, जिसका इस्तेमाल कमरे का साइज और कैपेसिटी को मापन के लिए किया जाता है। इसका कैलकुलेशन "British Thermal Units per hour" के अंतर्गत किया जाता है, जिसे संक्षेप मे "BTU/hr" कहा जाता है। AC के लिए BTU रेंज 5000 से 24000 BTU तक है और 12000 BTU 1 ton(टन) के बराबर है। 



कमरे के प्रत्येक feet(फुट) के लिए 20 BTU/hr की जरूरत होती है, यानी कि यह कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा कि जितना ज्यादा BTU/hr की वैल्यू होगी, AC उतनी ही पावरफुल ठंडी हवा भी देगा। इसलिए AC खरीदने से पहले आपको अपने कमरे के साइज के बारे में बिल्कुल क्लियर पता होना चाहिए। 




  कमरे के साइज के हिसाब से इस गणित को ऐसे समझा जा सकता हैं..... 

  AC को 1 Square feet जगह को ठंडा करने में 20 बीटीयू प्रति घंटा खर्च करना पड़ता है और 3.5 BTU 1 Watt के बराबर होता है और 1 टन  लगभग 12,000 BTU के बराबर होता है। तो इसलिए...... 

=>  100 Square feet (10x10 फुट का कमरा) के कमरे के लिए 1 टन का एसी ठीक होगा। 

=>  इस हिसाब से 100 से 150 Square feet (10x15 फुट का कमरा) वाले कमरे को ठंडा रखने के लिए 1.5 टन का एसी काफी होगा। 

=>  200 Square feet या उससे बड़ी जगह को ठंडा रखने के लिए 2 टन या उससे बड़े एसी ही आपके लिए सही रहेंगे। 



मार्केट में 5 हजार बीटीयू से लेकर 24 हजार बीटीयू तक के एसी हैं। 



जरूरत के हिसाब से कम टन का AC लेते हैं तो भीषण गर्मी में यह बिल्कुल भी काम नहीं करेगा। अगर AC ज्यादा टन का होगा तो बिजली का बिल उतना ही ज्यादा आकर आपके घर का सारा बजट बिगाड़ देगा।अगर आपका घर टॉप फ्लोर पर है और लोग ज्यादा हैं तो 1.5 या 2 टन के AC की जरूरत है। इस हिसाब से छोटे कमरे में 1-2 लोगों के लिए 1 टन का AC भी पर्याप्त है।


(सबसे मुख्य बात यह हैं कि अगर कमरा छोटा है तो ज्यादा टन वाला एसी भी वही काम करेगा जो 1 टन वाला एसी करेगा) 



जाने, DSLR कैमरा के बारे मे

Complete information about DSLR camera



आज के इस मॉडर्न जमाने मे और फैशन के दौर में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जिसे फोटो खिंचवाने का शौक ना हो। मोबाइल कैमरे ने भले ही सेल्फी को बढ़ावा दिया हो लेकिन आज बेस्ट फोटोग्राफी के लिए DSLR कैमरा आज भी लोगों के दिलों की पहली पसंद बना हुआ हैं। चाहें शादी-फंक्शन हो या किसी का बर्थडे समारोह हो या कोई और प्रोग्राम हो, हर जगह DSLR कैमरा का ही प्रयोग देखने को मिलता हैं। 



कई लोगों ने DSLR कैमरे का use तो किया भी होगा लेकिन DSLR कैमरे के बारे में वे अच्छे से नहीं जानते होंगे। वे सिर्फ और सिर्फ यह जानते होंगे की DSLR कैमरा अच्छी फोटोग्राफी को करने मे काम आता है लेकिन वे यह नहीं जानते हैं की इस कैमरे का यूज़ कैसे करना है। इस कैमरे के क्या-क्या फंक्शन है और तो और यह कैसे दुसरे डिजिटल कैमरों से अलग है। 


आज भले ही बहुत से नए-नए तरीके के सेल्फी फ़ोन मार्केट मे आये है लेकिन DSLR कैमरे के सामने महंगे से महंगे फोन की कोई अहमियत नही हैं। DSLR कैमरे से ली गई photos में और फ़ोन के photos में रात-दिन  का  अंतर  होता  है। DSLR   के  फीचर Smartphon के कैमरे से बहुत ही अलग होते है। आज की इस सुंदर पोस्ट में हम समझेंगे की DSLR कैमरा क्या होता है, यह किस तरह से काम करता है और इसके फंक्शन क्या-क्या है?




DSLR का फ़ुल फॉर्म क्या होता है (What is the full form of DSLR?) :-

DSLR की फुल फॉर्म "Digital Single Lens Reflex" होती हैं।




DSLR कैमरा क्या है (what is DSLR camera) :-

DSLR कैमरा एक डिजिटल सिंगल लैंस रिफ्लेक्स कैमरा है जो की Digital Format में photos और videos कैप्चर करता है तथा उसे ilectronic image sensor की मदद से record करता है। इस DSLR कैमरे में आप photo लेने के बाद तुरंत ही उस photo को भी देख सकते है, और उसे डिलीट भी कर सकते है और उसकी जगह नया फोटो भी ले सकते है। 


इसके लैंस भी बहुत एडवांस होते है और यह हमारे फ़िल्मी कैमरे से बिल्कुल ही अलग होता है। इसके फीचर की बात करे तो इसके फीचर ही इस कैमरे को यूनिक बनाते है। इसके लैंस और एडवांस फीचर आपको एक parfact picture में मदद करते है, तो चलिए DSLR कैमरा क्या हैं इसके बारे मे तो आपको समझ मे आ ही गया होगा, तो आईये अब हम जानेंगे कि DSLR कैमरा के parts कैसे काम करते है?




DSLR कैमरा का इतिहास (History of DSLR Camera) :-

DSLR कैमरा का अविष्कार 1989 में हुआ था जिसे Steven Sasson और Robert Hills के द्वारा पहली बार बनाया गया था। 

यह Jury Rigged Prototype नहीं था उस टाइम मे भी  मेमोरी कार्ड का इस्तेमाल किया जाता था और छवि यानी पिक्चर को संकोचित करता था। 

जैसे जैसे समय बीता वैसे वैसे DSLR कैमरा मे सुधार होता गया और दूसरे digital camera से बेहतर होता गया और आज के समय मे इस कैमरा का इस्तेमाल बहुत ही जोरों सोरो से हर पार्टी, फंगक्शन से लेकर प्रोफेसनल कामों मे भी किया जा रहा है। 





DSLR कैमरा कैसे काम करते हैं (How do DSLR cameras work?) :-

जब आप अपने DSLR कैमरे के पीछे View-finder के माध्यम से देखते हैं, तब आप उसमे से जो भी चीजों को देख सकते हैं वह कैमरे से जुड़े लेंस के माध्यम से होकर गुजरता है, जिसका अर्थ है कि आप उन सभी चीजों को कैप्चर कर सकते हैं, जिन चीजों को आप कैप्चर करने का प्रयास कर रहे हैं। वह लेंस के माध्यम से एक रिफ्लेक्स मिरर में गुजरता है, जो कैमरा चेंबर के अंदर 45 डिग्री के कोण पर स्थित होता है। वो उस दृश्य को लंबवत रूप में एक प्रकाशीय तत्व पर भेजता है जिसे “पेन्टैप्रिज्म” कहते है। 


पेन्टैप्रिज्म फिर दो अलग-अलग दर्पणों के माध्यम से दृश्य को पुन: र्निर्देशित करके लंबवत रूप को तिरछे रूप में परिवर्तित कर देता हैं। 


जब आप अपने DSLR कैमरे से कोई तस्वीर लेते हैं, तब reflex mirror ऊपर की ओर झूलते हुए लंबरूप मार्ग को रोकता है और प्रकाश को बिल्कुल सीधे अंदर जाने देता है। फिर, शटर खुलता है और प्रकाश को image sensor तक पहुंचाता है। 


picture को रिकॉर्ड करने के लिए image sensor को जितना समय लगता है उतने ही समय के लिए शटर खुला रहता है, फिर बाद मे शटर बंद हो जाता है और reflex mirror 45 डिग्री के कोण पर वापस लौट जाता है ताकि View-finder में प्रकाश को फिर से निर्देशित किया जा सके।


जाहिर है, यह प्रक्रिया यहीं नहीं रूकती है। इसके बाद DSLR कैमरे पर बहुत सारी picture प्रकाशित होती है। कैमरा processor image sensor से जानकारी लेता है, फिर इसे एक सही प्रारूप में परिवर्तित करता है, फिर इसे मेमोरी कार्ड में save कर देता हैं। 


इस पूरी प्रक्रिया को होने में बहुत कम यानी क्षण भर का ही समय लगता है। कुछ DSLR कैमरा एक सेकंड में ग्यारह से ज्यादा बार ऐसा कर सकते हैं। 


अब तो आप समझ ही गए होंगे कि DSLR कैसे काम करता है ये केवल आसान भाषा में मैंने आप लोगों को सारी जानकारी प्रदान की हैं। 




DSLR कैमरे के पार्ट्स कौन-कौन से है (What are the parts of DSLR camera?) :-

DSLR कैमरा से फोटो कैसे खिचे यह तो सभी को पता होगा, पर क्या आपको यह पता है कि इसके सभी पार्ट्स कैसे काम करते है? अगर नहीं तो चलिए जानते हैं इसके बारे मे। 

1. Lens =>   DSLR कैमरे में कुल तीन लेंस होते है। 

A- standard lens

B- kit lens

C- prime lens


A=>  सबसे पहला “standard lens” हैं जो की अब use नहीं किये जाते हैं। इन लेंस(standard lens) का इस्तेमाल फिल्म कैमरे में किया जाता था जो की 50MM रेंज की होती थी। इन लेंस को  standard lens इसलिए कहते थे क्योंकि यह लेंस पहले कैमरे के साथ आते थे और आप इनमे कोई Adjustment नहीं कर सकते थे। 


B=>  दूसरा लेंस “kit lens” हैं जो की अब DSLR कैमरे में use होते है। इन lens को रोज होने वाली शूटिंग के लिए डिजाईन किया गया था ताकि लोग daily basis पर इससे फोटो क्लिक कर सके। 


C=>  तीसरा लेंस है “prime lens” हैं। इनमे पहले से ही Focal Length fixed होता है, इसलिए इन्हें Fixed Lens भी कहा जाता है। इसमें zoom in या zoom out करने का कोई भी विकल्प मौजूद नहीं होता है। Prime lenses अत्यंत sharper होते हैं zoom lenses की तुलना मे। ऐसा इसलिए होता हैं क्यूंकि उनके पास extra glass अन्दर में नहीं होता है। 




2. Reflex Mirror =>   कैमरे का वह भाग जहां पर किसी image की Reflex दिखाई देती है। यह कैमरे का बहुत ही महत्वपूर्ण भाग होता हैं। यह mirror लेंस के ठीक back side मे लगा होता है जिससे लेंस से आने वाली लाइट इसपे पड़ती है और यह उसे एब्जार्व कर लेती है। 




3. Shutter =>   यह पार्ट हर तरह के कैमरे में होता है। इसका काम कैमरे में जा रही लाइट को कण्ट्रोल करना करना होता है। शटर जितना जल्दी बंद होगा उतना ही कम लाइट image को मिलेगा और शटर जितना धीरे बंद होगा उतना ही ज्यादा लाइट image को मिलेगा। लाइट के ज्यादा होने से फोटो ज्यादा Bright दिखती है और लाइट के कम होने से फोटो Dark दिखती है। 

आपको इन दोनों के बीच का combination यूज़ करना होता है ताकि फोटो परफेक्ट और अच्छे से आ सके। 



4. Image Sensor =>   कैमरे का शटर जब एक बार बंद हो जाता है तो image sensor उस image को कैप्चर कर लेता है। जितना sensor बड़ा होगा उतनी ही डिटेल में फोटो अच्छी आएगी। image sensor अगर छोटा होगा तो image छोटी आएगी और दिखने में भी Clear नहीं होगी। 

DSLR जैसे कैमरे में बहुत बड़े sensor का use होता है जिसके कारण आपको एक बहुत ही अच्छी और परफेक्ट image मिल जाती है। 




5. Focusing Camera =>   यह DSLR कैमरे का बहुत ही महत्वपूर्ण अंग हैं। यह आपके द्वारा खीची गई उस फोटो का Preview भी दिखा सकता है जिस चीज की आप फोटो लेने जा रहे है। इसमें आप सामने दिख रही image को View Finder में भी देख सकते है कि आप ने जिस भी चीज की फोटो ली है उसकी image सही से आ रही हा या नहीं। 




6. Condenser Lens =>   इसमें 2 Convex लेंस होते है और इन lenses को डिजाईन करने का कारण सिर्फ इतना है कि जो लाइट लेंस पर पड़े वो सीधी रहे और एक पथ पर चले। 




7. Pentaprism =>   यह  prism पाँच कोनो वाला एक Reflecting प्रिज्म होता है जो किसी भी लाइट को 90 डिग्री पर मोड़ देता है चाहे वो लाइट 90 डिग्री के प्रिज्म में आई हो या नहीं। ऐसा करने से लाइट image पर सीधी पड़ती है और फोटो Clear आती है। 




8. Eyepiece / View Finder =>    यह DSLR कैमरे का वह भाग होता हैं जहां से आप image को देख पाते है यह View Finder होता है। यह एक LED ग्लास टाइप जैसा होता है इसमें आप जिस चीज की फोटो लेने जा रहे है उसे भी देख सकते है। View Finder की मदद से फोटो पर अच्छे से focus को सेट किया जा सकता है। 





स्मार्टफोन कैमरा और डी एस एल आर कैमरा में क्या अंतर है (What is the difference between smartphone camera and DSLR camera?) :-

मोबाइल के कैमरे और DSLR कैमरे में वही अंतर है जो की एक प्रोफेशनल और अनप्रोफेशनल चीज में होता है। DSLR कैमरे में image sensor बहुत ही बड़ा होता है जबकि मोबाइल के कैमरे में यह बहुत छोटा होता है। जितना बड़ा सेंसर होता है उतनी ही अच्छी फोटो आती है। 


ज्यादा MP(मेगापिक्सेल) का कैमरा होने से कुछ नहीं होता फोटो की क्वालिटी केवल उसके sensor पर निर्भर करती है। अभी तक फोटो के मामले में DSLR कैमरा बहुत ही जबरदस्त रिजल्ट दे चुका हैं। 


Mobile Camera के तुलना में DSLR में फोकस बहुत ही शानदार तरीके से किया जा सकता है। इसके अलवा DSLR Camera की बैटरी लाइफ भी बहुत ज्यादा होती है Mobile Camera की तुलना में। 





डी एस एल आर कैमरा का कितना रेट है (How much does a DSLR camera cost?) :-

DSLR क्या होता हैं यह हमने जाना यदि हम बात करे DSLR कैमेरे के दाम के बारे मे तो यह आप के बजट पर निर्भर करता है कि आप किस तरह का कैमरा खरीदना चाहते है।


क्यों कि बाजार मे आपको हर रेट का DSLR कैमरा देखने को मिलेगा पर यदि अगर हम बात करे प्राइस की तो एक बेस्ट DSLR कैमरे का दाम 50000 से शुरू होकर दो लाख के बीच हो सकता है|


यह आप के बजट पर निर्भर करता है कि आप किस उपयोग के लिए DSLR कैमरा लेना चाहते है और आपका बजट क्या है|