जानिए कैसेट एसी के बारे में

Know about Cassette AC



दुनिया मे बहुत से लोग अपने घर को गर्म या ठंडा करने के सबसे बेहतरीन और कुशल AC में से एक cassette AC (कैसेट एसी) से अभी भी अनजान हैं। वास्तव में, cassette AC (कैसेट एसी) इतने सरल और साधारण होते हैं कि अधिकांश लोगों ने इस cassette AC (कैसेट एसी) को बिना यूज किये ही अनुभव कर लिया है। 





cassette AC(कैसेट एसी) सिस्टम मुख्य रूप से कार्यालय, भवनों, बड़े मॉल और खुली योजना क्षेत्रों में बड़े स्थानों को गर्म करने और ठंडा करने के लिए उपयोग किया जाता है, लेकिन cassette AC(कैसेट एसी) बड़े या खुले स्थानों मे उपयोग के साथ साथ घरेलू उपयोग के लिए भी उपयुक्त हैं| यही नही cassette AC(कैसेट एसी) सिस्टम आपके घर पर जलवायु नियंत्रण की ज़रूरतों के अनुरूप भी है।






लेकिन cassette AC(कैसेट एसी) वास्तव में क्या है और यह कैसे काम करता है? कैसेट एयर कंडीशनर के क्या फायदे हैं। इसके विषय मे पूरी जानकारी न होना, यह हम सभी लोगो के सामने अभी भी एक जटिल समस्या के रूप मे बनी हुई हैं।





तो  चलिए  इस  पोस्ट  के  माध्यम  से  आप  सभी लोगों की इस  जटिल  समस्या  को  दूर  करने  का  प्रयास  करते  हैं ताकि आप सभी लोग इस cassette AC(कैसेट एसी) का आनंद उठा सके। तो सबसे पहले समझते है कि....... 




कैसेट एसी क्या है? (What is Cassette AC?) :-

एक cassette AC(कैसेट एसी) अनिवार्य रूप से एक प्रकार की विभाजन प्रणाली है, क्योंकि इसमें दो यूनिट होती हैं,एक अंदर और दूसरी बाहर स्थापित होती हैं| cassette AC(कैसेट एसी) के साथ अंतर यह है कि Indoor unit(इनडोर यूनिट) छत  में  स्थापित  होती है।


Indoor unit(इनडोर यूनिट) एक माउंटेड ग्रिल है जो वेंट के माध्यम से गर्म या ठंडी हवा देता है और इसके लिए किसी डक्टवर्क की जरूरत भी नहीं होती है।Indoor(इनडोर) और Outdoor(आउटडोर) यूनिट को जोड़ने वाली नली छत की जगह में छिपी हुई हैं। सरल और सीधा डिजाइन उन्हें न केवल कार्यालयों और अन्य व्यावसायिक अनुप्रयोगों के लिए ही नहीं बल्कि घरों और अपार्टमेंटों के लिए भी आदर्श बनाता है। 


cassette AC(कैसेट एसी) सिस्टम का सबसे शोर करने वाला हिस्सा "कंडेनसर (या कंप्रेसर)" होता हैं जो कि घर के बाहर  होता है। 






कैसेट एसी सिस्टम कैसे काम करता है? (How does a cassette AC system work?) :-

cassette AC(कैसेट एसी) अन्य वॉल-माउंटेड spilt system unit की तरह काम करते हैं। इसे हम दूसरे शब्दो मे इस प्रकार से समझ सकते है कि एक cassette AC(कैसेट एसी) अन्य spilt system की तरह ही काम करता है। 



परन्तु वास्तविक अंतर यह है कि cassette AC(कैसेट एसी) के सिस्टम छत पर लगे होते हैं, दीवार पर नहीं और तो और cassetteAC(कैसेट एसी) की हेड यूनिट को आकर्षक रूप देने के लिए छत के साथ फ्लश लगाया जाता है। यह हेड यूनिट के सेंटर यानी केन्द्र में हवा खींचता है, और इस हवा को ठंडा या गर्म करता है, परन्तु ठंडी हवा और गर्म हवा केवल और केवल इस पर निर्भर करती है कि आपने अपने AC को किस mode पर सेट किया है। 



इसके बाद यह "4 वे" वेंट सिस्टम के माध्यम से एक cassette AC(कैसेट एसी) हवा से गंध, प्रदूषक, धूल और अतिरिक्त नमी को हटा देता है और इसे या तो ठंडी या गर्म ताजी हवा मे बदल देता है। seeling AC(सीलिंग एयर कंडीशनर) के साथ किसी डक्टवर्क की आवश्यकता नहीं होती है और आउटडोर कंडेनसर एक से अधिक Indoor unit(इनडोर यूनिट) को पावर दे सकता है, इसलिए यदि आवश्यक हो तो आप कई कमरों में सीलिंग ग्रिल्स स्थापित कर सकते हैं। 




इनडोर कैसेट के वेंट के माध्यम से दो, तीन या चार दिशाओं में ठंडी या गर्म हवा को नीचे की ओर भेजा जाता है। अधिक सामान्य वर्ग मॉडल के साथ, गोलाकार डिज़ाइन हैं जो 360 डिग्री एरिया को कवर करता हैं, जिससे आपको सभी जगह बराबर वायु प्रवाह मिलता है। 






कैसेट एसी के लाभ (Benefits of Cassette AC) :-

=>   एक cassette AC(कैसेट एसी) आपकी छत में बड़े आराम से फिट बैठता है और आपके घर में कोई दीवार की जगह भी नहीं लेता है।


 

=>   cassette AC(कैसेट एसी) हर दिशा में समान रूप से गर्म हवा और ठंडी हवा को भेजता हैं।


 

=>   cassette AC(कैसेट एसी) कमरे को जल्दी और कुशलता से गर्म या ठंडा करते हैं, जिसका मतलब यह है कि स्वयं के द्वारा निर्धारित किये गये तापमान तक पहुँचने पर ऊर्जा की बचत करता है।


 =>   ये AC सिस्टम कार्यालयों और अन्य बड़े स्थानों में उपयोग किए जाते हैं, इसलिए यदि आपके पास एक खुली योजना का डिज़ाइन है तो यह आपके घर के लिए आदर्श होगा। कॉम्पैक्ट इकाइयां छोटी जगहों के लिए भी उपयुक्त हैं।



=>   cassette AC(कैसेट एसी) दिखने मे स्टाइलिश होते हैं और अधिकांश घरेलू डिजाइनों में आसानी और सरलतासे फिट हो सकते हैं।


=>   आमतौर पर cassette AC(कैसेट एसी) की दूसरी यूनिट बाहर स्थित होती हैं। और पहली यूनिट अंदर होती हैं जिससे बिना किसी शोर गुल के गर्म या ठंडी हवा निकलती हैं साथ मे यह किसी कार्यालय या भवन के निवासियों के कर्मचारियों के काम मे बाधा नही बनती हैं।


=>   अतिरिक्त सुविधा और आराम के लिए प्रोग्राम करने योग्य थर्मोस्टेट के साथ तापमान को नियंत्रित भी कर सकते हैं।


=>   कैसेट एयर कंडीशनर कई वर्षों तक चलते हैं और इनका रखरखाव भी बड़ा आसान होता हैं। और आपको समय समय पर नियमित रूप से सूखे कपड़े से वेंट को पोंछना चाहिए और नियमित रूप से एयर फिल्टर को भी साफ या बदलना चाहिए।





कैसेट एसी के नुकसान (Disadvantages of Cassette AC) :-

=>   cassette AC(कैसेट एसी) छत पर लगे होते हैं उनके कम्प्रेसर बाहर लगे होते हैं। बड़ी और ऊँची इमारतों में एयर कंडीशनिंग ब्लॉक और कम्प्रेसर के बीच की दूरी बहुत अधिक हो सकती है, जिसका अर्थ यह है कि इसको लगाने के दौरान दीवारों में कई छेद ड्रिल किए जा सकते हैं| यह बहुत महंगा भी हो सकता है और इसे स्थापित करने में लंबा समय भी लग सकता है।


 =>   यदि आप जिस इमारत में रहते हैं या काम करते हैं उसमें कई मंजिलें हैं, तो यह निश्चित नहीं है कि छत पर cassette AC(कैसेट एसी) लगाने के लिए आपके पास पर्याप्त जगह मिल ही जाए।


=>   यदि आप अपने पूरे घर को गर्म या ठंडा करना चाहते हैं, तो आपको कई इनडोर ग्रिल्स की आवश्यकता भी होगी मतलब आपको कई यूनिट की आवश्यकता भी पड़ेगी जिससे आपका खर्चा भी बढ़ेगा।


 =>   मानक वॉल-माउंटेड Spilt system की तुलना में cassette AC(कैसेट एसी) खरीदना और उसको लगाना बहुत अधिक महंगा हो जाता हैं।


=>   अगर आपके पास एक ऐसा घर है जो cassette AC(कैसेट एसी) के अनुकूल है, तो इसमें कोई दुविधा नहीं है कि बड़े और छोटे कमरों को गर्म और ठंडा करने के मामले में यह एक कुशल और साधारण विकल्प है। cassette AC(कैसेट एसी) सिस्टम आपके घर के लिए सही है या नहीं यह जानने के लिए किसी जलवायु नियंत्रण विशेषज्ञ से बात करके आपकी समस्या का समाधान हो सकता हैं।



 


जाने LED बल्ब कितनी बिजली का उपयोग करता है?

Know about electricity consumption by LED bulb




प्रकाश हमारे जीवन में कितना महत्वपूर्ण है। ये तो तब पता  चलता है जब हमारे घर की कुछ देर के लिए बिजली कट जाती हैं। रात में अच्छी से अच्छी रोशनी पाने के लिए सही बल्ब का चुनाव करना चाहिए। इसके अतिरिक्त इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि यह बिजली की यूनिट की ज्यादा खपत न करे। अगर बिजली के कम खपत की बात कर तो उसमे सबसे पहला नाम LED बल्ब का ही आता हैं। 

यह एक बहुत लोकप्रिय बल्ब है, जो दूसरों बल्बों की तुलना में कम बिजली की खपत करता है। इसके अलावा LED बल्ब की लाइफ भी दूसरों के मुकाबले काफी ज्यादा होती है। लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा है कि अगर एक LED बल्ब को 24 घंटे तक खुला छोड़ दिया जाए या जलाया जाए तो बिजली का कितना बिल आएगा? तो आइए जानते हैं इसके बारे में....... 



  एक LED बल्ब पूरे दिन यानी 24 घंटे में कितनी  बिजली का उपयोग करता है? 

यदि भारत में एक LED बल्ब को पूरे दिन यानी 24 घंटे जलाकर के छोड़ दिया जाता है, तो बिजली की खपत और बिजली का बिल उसकी Volt(वोल्ट) क्षमता और बिजली की इकाई लागत पर निर्भर करता है। 



उदाहरण के लिए यदि एक LED बल्ब की volt(वोल्ट) क्षमता 5 volt(वोल्ट) है और प्रति यूनिट बिजली की लागत 7 रुपये है, तो हमें इस बिजली की खपत को जानने के लिए LED बल्ब की volt(वोल्ट) क्षमता को प्रति दिन बिजली की खपत में बदलना होगा। 


9 volt(वोल्ट) 0.005 kw(किलोवोल्ट) के बराबर होता है। इसलिए अगर LED बल्ब को जलाकर पूरे दिन यानी 24 घंटे  के लिए छोड़ दिया जाए तो इतनी बिजली की खपत होगी।


      => [ 0.005 KW × 24 घंटे = 0.12 kWh ]


एक दिन के लिए LED बल्ब की बिजली का उपयोग करने की लागत को जानने के लिए खासतौर पर हमें बिजली की खपत और प्रति यूनिट को गुणा करना पड़ेगा। 

 

      => [ 0.12 kWh × 7/ kWh = 0.84 रुपये ]



●  इसको भी जानिए कि पूरे महीने में कितना हो  सकता है बिजली का बिल? 

इसे मै एक उदाहरण से स्पष्ट करता हूँ। कि जैसे भारत में एक दिन यानी 24 घंटे के लिए यदि 5 volt(वोल्ट) का बल्ब जलाकर छोड़ दिया जाए तो 7 रुपये प्रति यूनिट बिजली की लागत के हिसाब से बिल लगभग 0.84 रुपये आता है जैसा की उपर दर्शाया गया है लेकिन अब मासिक यानी एक महीने का बिल प्राप्त करने के लिए इस बिल(0.84) से 30 से गुणा करें और इस प्रकार 30 दिनों के लिए 24 घंटे 5 volt(वोल्ट) के LED बल्ब को चालू रखने पर 25.20 रुपये का बिजली बिल आएगा। 



Note => केवल उदाहरण के लिए इस पोस्ट मे मैने आपको 5 volt (वोल्ट) के LED बल्ब को दर्शाया है और बिजली की यूनिट 7 रुपये दर्शायी हैं और महीने को 30 दिन का दर्शाया हैं। तो आपसे अनुरोध है कि आप अपने अनुसार LED बल्ब, बिजली की यूनिट को और महीने को बदलकर बिजली का बिल निकाल सकते हैं और इसी प्रकार से पंखा, कूलर, टी वी, फ्रिज आदि काफी सारी चीजो का बिल निकाल सकते हैं। 





जाने कि Window AC और Split AC क्या हैं|

What is Window AC and Split AC?



दोस्तों अब तो सर्दियां चली गई हैं और तेजी से गर्मी पड़ना शुरू हो गयी है। इस बार फरवरी के महीने मे ही इतनी गर्मी हो रही हैं इसके हिसाब से ये अनुमान लगाना गलत नही हैं कि मई और जून मे टेम्प्रेचर 40° - 45° डिग्री से कम होगा। अगर आप यह सोच रहे हैं कि इस बार गर्मी में आपका काम पंखे से हो जाएगा तो आप बिल्कुल गलत सोच रहे हैं, क्योंकि इस बार जितनी कड़ाके की ठंड पड़ी है उससे कहीं ज्यादा तपती गर्मी भी पड़ेगी। कहीं कहीं कुछ लोगों ने अभी से AC का उपयोग करना शुरू भी कर दिया हैं। 



दुनिया भर मे काफी घर (लगभग 40% लोग) ऐसे भी है जिनके घरों मे पहले से ही कोई न कोई AC जरूर लगा हुआ हैं। वे लोग जैसे ही गर्मियों की शुरुआत होती है वैसे ही उनमे से कई लोग अपने AC मे लगे फिल्टर को साफ करते हैं या किसी मिस्त्री को बुलाकर फिल्टर को साफ करवा देते है और साथ ही साथ गैस को भी रिफिल करते हैं। वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो नया AC को खरीदने के बारे में सोचते हैं। 



अगर आप भी इस भयानक गर्मियों में AC खरीदने का मन बना रहे हैं। तो आपके लिए मार्केट मे Voltas,    Blue StarWhirlpoolHitachiSamsung, LG जैसे कई कंपनियों के ऑप्शन मौजूद हैं। अगर आपने भी अपने Living room या Bedroom के लिए एक नया AC खरीदने का पूरा मन बना लिया हैं तो आपको इन बातों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत हैं कि आपके लिए किस प्रकार का एसी अत्यंत सुविधाजनक रहेगा। क्यों कि बाजार मे कई प्रकार के एसी आपकी सुविधा अनुसार मौजूद हैं। 




अगर मौजूदा समय मे बाजार मे उपलब्ध AC के प्रकारों की बात की जाए तो बाजार मे 10 प्रकार के AC आपकी  सुविधानुसार  विकल्प  के  तौर  पर  मौजूद है....... 

1=>  विंडो एसी (window AC) 

2=>  स्पिल्ट एसी (spilt AC) 

3=>  कैसेट एसी (kaiset AC) 

4=>  पोर्टेबल एसी (portable AC) 

5=>  डक्टलेस स्पिल्ट एसी सिस्टम (Ductles Split AC System) 

6=>  पैकेजेड टर्मिनल एसी (Packagd Terminal AC) 

7=>  हाइब्रिड / डुअल फ़्यूल एसी (Hybrid / Dual Fuel AC) 

8=>  जियोथर्मल एसी सिस्टम (Geothermal AC System) 

9=>  थ्रू-द-वॉल एसी (Through-the-wall AC) 

10=> सेंट्रल एसी (Central AC) 

 

यहाँ पर हम  आप लोगो को सिर्फ और  सिर्फ मात्र 2 AC ( window AC और split AC ) के बारे मे ही समझायेंगे क्योंकि सारे AC के बारे मे समझाने पर पोस्ट काफी लंबी हो जाएगी। 


तो चलिए अब हम आप सभी लोगों को समझाते हैं इस window AC और split AC के बारे मे....... 



विंडो एसी(window AC) :-


window AC उस AC को कहते है जिसे खिड़की पर लगाया जाता है। कई जगह आपने देखा होगा कि लोग कूलर को अपनी खिड़की पर लगवाते हैं ठीक उसी प्रकार Window AC को भी खिड़की पर लगवाया जा सकता है। खिड़की पर लगने वाले AC को ही Window AC कहा जाता है। अगर आपका कमरा पूरी तरह से पैक नहीं हैं और उसमें खिड़की है तो आपके लिए विंडो एसी को लगवाना ही सही रहेगा। विंडो एसी सिंगल यूनिट के होते है और इन्हें खिड़की पर बड़ी आसानी से लगाया सकता है ये छोटे कमरों के लिए बहुत उपयुक्त होते है लेकिन ये आवाज ज्यादा करते है। 



                  यदि आप किराए के मकान में रहते हैं और हर साल या दो साल में या साल मे कई बार आपको मकान बदलना पड़ता है। तो आपके लिए सिर्फ और सिर्फ विंडो एसी ही सही विकल्‍प रहेगा। क्‍योंकि split AC की इंस्‍टॉलेशन कॉस्‍ट window AC के मुकाबले कहीं अधिक ज्‍यादा होती है। वहीं इसे अनइंस्‍टॉल करने के लिए भी आपको हमेशा किसी एक्‍सपर्ट की मदद की जरूरत होती है।


            अगर इसकी कीमत के आधार पर देखा जाए तो विंडो एसी अन्य AC के मुकाबले काफी सस्‍ते होते हैं। और अगर मेंटेनेंस की बात की जाए तो भी विंडो एसी काफी कम बजट मे पड़ते हैं। यदि इसकी परफॉर्मेंस और पावर सेविंग की बात करे तो अन्य AC के मुकाबले इनमे कोई अंतर नहीं होता हैं। यही कारण है कि 70 फीसदी से अधिक कस्टमर विंडो एसी को ही खरीदना पसंद करते हैं। 


अगर आप तुरंत कूलिंग चाहते हैं तो आपके लिए विंडो एसी ही सबसे बेहतर रहेगा। विंडो एसी में एक बात और होती हैं कि विंडो एसी मे विंडो के पास सबसे ज्यादा कूलिंग रहती है। अगर आपके घर मे अच्छा विंडो स्पेस है और साथ ही साथ आप पैसों की बचत भी करना चाहते हैं तो सिर्फ विंडो एसी ही आपके लिए ठीक रहेगा। 



●  विंडो एसी के फायदे (Benefits of window AC) :-

Window AC को आसानी से instal किया जा सकता है। ये split AC की तुलना में कम महंगे होते हैं। इसको लगाने के लिए आपको दीवार में ड्रिल करने की जरूरत नहीं होती है। इन AC में मेंटनेंस का खर्चा काफी कम होता है और ये AC बिजली की खपत को भी कम करते हैं। 


●  विंडो एसी के नुकसान (Disadvantages of Window AC) :-

Window AC पूरे कमरे को धीरे-धीरे ठंडा करते हैं।यह split AC के मुकाबले कुछ ज्यादा ही ज्यादा शोर करते हैं। खास बात यह है कि इनको लगाने के लिए कमरे में खिड़की का होना बहुत जरूरी है। बाहर लगे होने की वजह इनके जल्दी खराब होने का खतरा भी अधिक बना रहता है। 





स्प्लिट एसी (split AC) :-


Split AC दो यूनिट या दो भागों में विभाजित होता है। पहला भाग होता है "Out-Door" और दूसरा भाग होता है "In-Door"। इस split AC को ज्यादा बड़े रूम में भी सेट किया जा सकता है अगर जगह बड़ी है तो window AC की तुलना मे split AC की सहायता से अपने कमरे को जल्दी ठंडा किया जा सकता हैं। इसमें In-Door यूनिट को घर के अंदर लगाया जाता है, और Out-Door यूनिट को छत पर या घर के बाहर लगाया जा सकता है। जहाँ In-door और Out-door यूनिट को एक पाइप लाइन के द्वारा एक दूसरे से जोड़ दिया जाता है। 



कुछ लोगो को तो आप सभी लोगो ने देखा ही होगा कि उनकी नींद किसी जरा सी भी आवाज होने पर टूट जाती हैं। अगर आपको भी ऐसी ही समस्या है तो आपके लिए split AC चुनाव ही सही रहेगा, क्योंकि इसका मुख्य भाग बाहर लगा होता है इसलिए शोर की तो जरा भी गुंजाइश नहीं रहती। आपने अभी तक जितने भी घरों मे AC देखें होंगे, उनमे से ज्यादतर घरों मे split AC ही होंगे। ये सबसे ज्यादा उपयोग किया जाने वाला AC है। अगर आपका घर या ऑफिस पूरी तरह से पैक है तो आप बेझिझक और बेफिक्र होकर इस AC को चुन सकते हैं। आजकल के समय मे तो फ्लैट आदि में बालकनी और बेडरूम में विंडो नहीं होती हैं। 


तो ऐसे फ्लैटों में आप के लिए सिर्फ split AC ही बेहतर विकल्प है। इसमें एक खास बात यह हैं कि यह AC पूरे कमरे में एक जैसी बराबर कूलिंग करते हैं। 



●  स्प्लिट एसी के फायदे (Benefits of split AC) :-

Split AC कमरे को बहुत जल्द ठंडा कर देते हैं। इनमें चौड़े ब्लोअर लगे होते हैं जो अधिक मात्रा में ठंडी हवा देते हैं। इसका कंप्रेसर नार्मल(कम) आवाज करता है। इसका कंडेन्सर बाहर होता है। अगर आपके कमरे में विंडो नहीं है तो भी आप इसे कमरे में लगा सकते हैं। 


●  स्प्लिट एसी के नुकसान (Disadvantages of Split AC) :-

Split AC को इंस्टॉल करना आसान नहीं होता है। इसके लिए आपको दीवार में ड्रिल करना पड़ता है। ये एसी थोड़े महंगे होते हैं। साथ ही ये बिजली की भी ज्यादा खपत करते हैं। इनका मेंटेनेंस विंडो एसी की तुलना में थोड़ा ज्यादा होता है। 




Conclusion :- इस आर्टिकल में आपने एसी के प्रकारो के बारे में जाना है कि एक कितने प्रकार की होती है साथ ही आपने यह भी जाना है की window AC क्या होती है और split AC क्या होती है|

यह जानकारी आप अपने सभी दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे ताकि वे भी AC के प्रकारों के बारे में जान सके| और आगे भी हम इसी प्रकार के उपयोगी पोस्ट डालते रहेंगे|



AC लेने का विचार बना रहे हैं तो इन बातो का रखे ध्यान||

Keep these things in mind before buying AC



अब सर्दियां चली गयी हैं और तेजी से गर्मी पड़ने वाली है। जब भी गर्मियों का मौसम आता है तब हमे याद आती है AC की। हर बार की तरह इस बार भी अगर आप यह सोच रहे हैं कि गर्मी का काम पंखे से हो जाएगा तो आप बिल्कुल गलत सोच रहे हैं, क्योंकि इस बार जितनी कड़क ठंड पड़ी है ठीक उतनी ही या उससे कहीं अधिक तपती गर्मी भी पड़ेगी। 



तो जाहिर सी बात है कि हमारे जैसे कई लोग गर्मी शुरू होते ही यह प्लान बनाने लगते हैं कि इस गर्मी में AC खरीदेंगे लेकिन जब भी आप मार्केट मे AC खरीदने के लिए जाते हैं तो दुकानदार आपसे कई  सवाल करता है कि आपका सिर चकरा जाता हैं जैसे..... 


1–>  आपको कितने ton(टन) का AC चाहिए। (1 ton, 2 ton, 3 ton या 5 ton) 

2–>  आपको कौन सा AC चाहिए। (window AC, Split AC, Cassette AC या Portable AC) 

3–>  आपको कितनी स्टार रेटिंग का AC चाहिए। (1 स्टार, 2 स्टार, 3 स्टार, 4 स्टार या 5 स्टार) 



तो इस प्रकार के कई सारे सवाल आपके दिमाग को उलझा कर रख देते हैं और फिर आप एक सही और अपने जरूरत के हिसाब से AC का चुनाव भी नही कर पाते हैं। लेकिन आपको अब बिल्कुल भी घबराने की जरूरत नही हैं क्योंकि यह पोस्ट आपके सारे सवालों को दूर करने के लिए ही बनाई गयी हैं। 



जिसको पढ़कर आप एक सही और अपने जरूरत के हिसाब से AC को खरीद सकेंगे और साथ ही साथ आपका पैसा भी बर्बाद होने से बच जायेगा। 




तो आइये आपके मुख्य सवालों के उत्तर देने से पहले हम आपको यह बता दे कि AC होता क्या हैं और इसका फुल फॉर्म क्या होता हैं। 



  AC होता क्या हैं (What is AC?) :-

कमरे की गर्म हवा को ठंडा करने के लिये AC एक ऐसी सरल और आसान प्रक्रिया है, जिसके जरिये आप अपनी सुविधा और जरूरत के अनुसार कमरे से गर्मी और नमी को बाहर निकाल सकते है। AC जिस जगह या एरिया पर लगा होता है, वह उस जगह या एरिया से गर्म हवा को सोखता है, और उस गर्म हवा को अपने अंदर लगे हुऐ Refrigerant और Coils के जरिए Process करके ठंडी हवा को वापस बाहर निकलता है। जिससे वहाँ का वातावरण ठंडा हो जाता है, और उस जगह का तापमान कम होने लगता है। अगर इसे हम  सरल भाषा में कहे तो AC आपके कमरे की गर्मी को बाहर निकालकर उसे ठंडा कर देता है। उम्मीद है कि आप समझ गए होंगे कि AC क्या है। 



  AC का फुल फॉर्म क्या होता हैं (What is the full form of AC?) :-

AC का फुल फॉर्म "AIR CONDITIONER" हैं। हिंदी में इसे "एयर कंडीशनर" कहते हैं जिसका अर्थ वातानुकूलक होता है। 




अब हम बात करते हैं कि आपके लिए कितने ton(टन) का AC खरीदना सही रहेगा।अभी यहाँ इस पोस्ट मे हम सिर्फ AC के ton(टन) के बारे मे जानकारी देंगे बाकी के दो सवालों के बारे मे हम आपको अगली पोस्ट मे बतायेंगे क्योंकि पोस्ट काफी लंबी हो जाएगी। 



तो ठीक हैं अब शुरू करते हैं AC के ton(टन) के बारे मे। इस भयंकर गर्मी को देखते हुए अगर आप नया AC खरीदने का मूड बना रहे हैं तो आपको AC के ton(टन) के बारे में जरूर पता होना चाहिए, क्योंकि AC कैपेसिटी इसी के हिसाब से मापी जाती है। आइए जानते हैं क्या होता है AC में टन का मतलब..... 



●  क्या होता है AC में ton का मतलब (What is the meaning of ton in AC?) :-

AC मे ton(टन) का मतलब यह होता हैं कि AC उतनी ठंडक देगा जितनी ठंडक 1 ton(टन) बर्फ को कमरे के अंदर रखने से होती हैं। 

पहले के समय मे जब AC नही हुआ करता था तब गर्मी के मौसम मे कमरे को ठंडा करने के लिए कमरे के अंदर 1 हजार किलो ग्राम यानी 1 ton(टन) बर्फ़ रखते थे जो 1 घण्टे मे 12000 BTU को खत्म करने की क्षमता रखते थे यानी कि गर्मी को खत्म करता था। क्योंकि गर्मी को BTU(British Thermal Units) मे मापा जाता हैं। ठीक उसी सिस्टम को देखकर AC मे ton(टन) का नाम रखा गया। 

जैसे 1 ton(टन) बर्फ को कमरे मे रखने से कमरे के अंदर 12000 BTU खत्म होता है ठीक उसी प्रकार 1 ton(टन) के AC को कमरे मे लगाया जाए तो यह भी 1 घंटे के अंदर 12000 BTU को खत्म करेगा। 12000 BTU को खत्म करने का मतलब गर्मी को खत्म करना यानी कि गर्मी कम करने से है। जिससे कमरे का तापमान कम होकर ठंडा हो जाए। 



इसके अलावा भी आपको कितने ton(टन) का AC चाहिए, यह कई बातों पर निर्भर करता है, मतलब कमरे का साइज, कमरे में कितने लोग रहते हैं, कमरे में रखा सामान, कमरे में इलेक्ट्रिकल प्रोडक्ट्स और कमरा सीधी धूप की तरफ है या नहीं। 



जिनके घर में एयर कंडीशनर लगा भी है, उनको भी नहीं पता है कि AC मे ton(टन) का मतलब क्या होता हैं। 



आजकल मार्केट मे कई ton(1 टन,  2 टन,  3 टन) के AC उपलब्ध रहते हैं। मतलब ये होता है कि अगर आप 1 ton(टन) का AC मार्केट से खरीद रहे हैं तो यह AC आपको उतनी ही ठंडक देगा जितनी कि 1 ton(टन) बर्फ देता है। इसका सीधा संबंध आपके कमरे के साइज़ पर निर्भर करता है। ठीक इसी प्रकार 2 और 3 ton (टन) के AC आपको उतनी ही ठंडक देगा जितनी की 2 और 3 ton(टन) बर्फ देता है। जैसा की ऊपर बताया गया है। 



  AC मे ton का इस्तेमाल क्यो होता हैं (Why is ton used in AC?) :-

हम आपको बता दें कि ton(टन) वो यूनिट है, जिसका इस्तेमाल कमरे का साइज और कैपेसिटी को मापन के लिए किया जाता है। इसका कैलकुलेशन "British Thermal Units per hour" के अंतर्गत किया जाता है, जिसे संक्षेप मे "BTU/hr" कहा जाता है। AC के लिए BTU रेंज 5000 से 24000 BTU तक है और 12000 BTU 1 ton(टन) के बराबर है। 



कमरे के प्रत्येक feet(फुट) के लिए 20 BTU/hr की जरूरत होती है, यानी कि यह कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा कि जितना ज्यादा BTU/hr की वैल्यू होगी, AC उतनी ही पावरफुल ठंडी हवा भी देगा। इसलिए AC खरीदने से पहले आपको अपने कमरे के साइज के बारे में बिल्कुल क्लियर पता होना चाहिए। 




  कमरे के साइज के हिसाब से इस गणित को ऐसे समझा जा सकता हैं..... 

  AC को 1 Square feet जगह को ठंडा करने में 20 बीटीयू प्रति घंटा खर्च करना पड़ता है और 3.5 BTU 1 Watt के बराबर होता है और 1 टन  लगभग 12,000 BTU के बराबर होता है। तो इसलिए...... 

=>  100 Square feet (10x10 फुट का कमरा) के कमरे के लिए 1 टन का एसी ठीक होगा। 

=>  इस हिसाब से 100 से 150 Square feet (10x15 फुट का कमरा) वाले कमरे को ठंडा रखने के लिए 1.5 टन का एसी काफी होगा। 

=>  200 Square feet या उससे बड़ी जगह को ठंडा रखने के लिए 2 टन या उससे बड़े एसी ही आपके लिए सही रहेंगे। 



मार्केट में 5 हजार बीटीयू से लेकर 24 हजार बीटीयू तक के एसी हैं। 



जरूरत के हिसाब से कम टन का AC लेते हैं तो भीषण गर्मी में यह बिल्कुल भी काम नहीं करेगा। अगर AC ज्यादा टन का होगा तो बिजली का बिल उतना ही ज्यादा आकर आपके घर का सारा बजट बिगाड़ देगा।अगर आपका घर टॉप फ्लोर पर है और लोग ज्यादा हैं तो 1.5 या 2 टन के AC की जरूरत है। इस हिसाब से छोटे कमरे में 1-2 लोगों के लिए 1 टन का AC भी पर्याप्त है।


(सबसे मुख्य बात यह हैं कि अगर कमरा छोटा है तो ज्यादा टन वाला एसी भी वही काम करेगा जो 1 टन वाला एसी करेगा) 



जाने, DSLR कैमरा के बारे मे

Complete information about DSLR camera



आज के इस मॉडर्न जमाने मे और फैशन के दौर में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जिसे फोटो खिंचवाने का शौक ना हो। मोबाइल कैमरे ने भले ही सेल्फी को बढ़ावा दिया हो लेकिन आज बेस्ट फोटोग्राफी के लिए DSLR कैमरा आज भी लोगों के दिलों की पहली पसंद बना हुआ हैं। चाहें शादी-फंक्शन हो या किसी का बर्थडे समारोह हो या कोई और प्रोग्राम हो, हर जगह DSLR कैमरा का ही प्रयोग देखने को मिलता हैं। 



कई लोगों ने DSLR कैमरे का use तो किया भी होगा लेकिन DSLR कैमरे के बारे में वे अच्छे से नहीं जानते होंगे। वे सिर्फ और सिर्फ यह जानते होंगे की DSLR कैमरा अच्छी फोटोग्राफी को करने मे काम आता है लेकिन वे यह नहीं जानते हैं की इस कैमरे का यूज़ कैसे करना है। इस कैमरे के क्या-क्या फंक्शन है और तो और यह कैसे दुसरे डिजिटल कैमरों से अलग है। 


आज भले ही बहुत से नए-नए तरीके के सेल्फी फ़ोन मार्केट मे आये है लेकिन DSLR कैमरे के सामने महंगे से महंगे फोन की कोई अहमियत नही हैं। DSLR कैमरे से ली गई photos में और फ़ोन के photos में रात-दिन  का  अंतर  होता  है। DSLR   के  फीचर Smartphon के कैमरे से बहुत ही अलग होते है। आज की इस सुंदर पोस्ट में हम समझेंगे की DSLR कैमरा क्या होता है, यह किस तरह से काम करता है और इसके फंक्शन क्या-क्या है?




DSLR का फ़ुल फॉर्म क्या होता है (What is the full form of DSLR?) :-

DSLR की फुल फॉर्म "Digital Single Lens Reflex" होती हैं।




DSLR कैमरा क्या है (what is DSLR camera) :-

DSLR कैमरा एक डिजिटल सिंगल लैंस रिफ्लेक्स कैमरा है जो की Digital Format में photos और videos कैप्चर करता है तथा उसे ilectronic image sensor की मदद से record करता है। इस DSLR कैमरे में आप photo लेने के बाद तुरंत ही उस photo को भी देख सकते है, और उसे डिलीट भी कर सकते है और उसकी जगह नया फोटो भी ले सकते है। 


इसके लैंस भी बहुत एडवांस होते है और यह हमारे फ़िल्मी कैमरे से बिल्कुल ही अलग होता है। इसके फीचर की बात करे तो इसके फीचर ही इस कैमरे को यूनिक बनाते है। इसके लैंस और एडवांस फीचर आपको एक parfact picture में मदद करते है, तो चलिए DSLR कैमरा क्या हैं इसके बारे मे तो आपको समझ मे आ ही गया होगा, तो आईये अब हम जानेंगे कि DSLR कैमरा के parts कैसे काम करते है?




DSLR कैमरा का इतिहास (History of DSLR Camera) :-

DSLR कैमरा का अविष्कार 1989 में हुआ था जिसे Steven Sasson और Robert Hills के द्वारा पहली बार बनाया गया था। 

यह Jury Rigged Prototype नहीं था उस टाइम मे भी  मेमोरी कार्ड का इस्तेमाल किया जाता था और छवि यानी पिक्चर को संकोचित करता था। 

जैसे जैसे समय बीता वैसे वैसे DSLR कैमरा मे सुधार होता गया और दूसरे digital camera से बेहतर होता गया और आज के समय मे इस कैमरा का इस्तेमाल बहुत ही जोरों सोरो से हर पार्टी, फंगक्शन से लेकर प्रोफेसनल कामों मे भी किया जा रहा है। 





DSLR कैमरा कैसे काम करते हैं (How do DSLR cameras work?) :-

जब आप अपने DSLR कैमरे के पीछे View-finder के माध्यम से देखते हैं, तब आप उसमे से जो भी चीजों को देख सकते हैं वह कैमरे से जुड़े लेंस के माध्यम से होकर गुजरता है, जिसका अर्थ है कि आप उन सभी चीजों को कैप्चर कर सकते हैं, जिन चीजों को आप कैप्चर करने का प्रयास कर रहे हैं। वह लेंस के माध्यम से एक रिफ्लेक्स मिरर में गुजरता है, जो कैमरा चेंबर के अंदर 45 डिग्री के कोण पर स्थित होता है। वो उस दृश्य को लंबवत रूप में एक प्रकाशीय तत्व पर भेजता है जिसे “पेन्टैप्रिज्म” कहते है। 


पेन्टैप्रिज्म फिर दो अलग-अलग दर्पणों के माध्यम से दृश्य को पुन: र्निर्देशित करके लंबवत रूप को तिरछे रूप में परिवर्तित कर देता हैं। 


जब आप अपने DSLR कैमरे से कोई तस्वीर लेते हैं, तब reflex mirror ऊपर की ओर झूलते हुए लंबरूप मार्ग को रोकता है और प्रकाश को बिल्कुल सीधे अंदर जाने देता है। फिर, शटर खुलता है और प्रकाश को image sensor तक पहुंचाता है। 


picture को रिकॉर्ड करने के लिए image sensor को जितना समय लगता है उतने ही समय के लिए शटर खुला रहता है, फिर बाद मे शटर बंद हो जाता है और reflex mirror 45 डिग्री के कोण पर वापस लौट जाता है ताकि View-finder में प्रकाश को फिर से निर्देशित किया जा सके।


जाहिर है, यह प्रक्रिया यहीं नहीं रूकती है। इसके बाद DSLR कैमरे पर बहुत सारी picture प्रकाशित होती है। कैमरा processor image sensor से जानकारी लेता है, फिर इसे एक सही प्रारूप में परिवर्तित करता है, फिर इसे मेमोरी कार्ड में save कर देता हैं। 


इस पूरी प्रक्रिया को होने में बहुत कम यानी क्षण भर का ही समय लगता है। कुछ DSLR कैमरा एक सेकंड में ग्यारह से ज्यादा बार ऐसा कर सकते हैं। 


अब तो आप समझ ही गए होंगे कि DSLR कैसे काम करता है ये केवल आसान भाषा में मैंने आप लोगों को सारी जानकारी प्रदान की हैं। 




DSLR कैमरे के पार्ट्स कौन-कौन से है (What are the parts of DSLR camera?) :-

DSLR कैमरा से फोटो कैसे खिचे यह तो सभी को पता होगा, पर क्या आपको यह पता है कि इसके सभी पार्ट्स कैसे काम करते है? अगर नहीं तो चलिए जानते हैं इसके बारे मे। 

1. Lens =>   DSLR कैमरे में कुल तीन लेंस होते है। 

A- standard lens

B- kit lens

C- prime lens


A=>  सबसे पहला “standard lens” हैं जो की अब use नहीं किये जाते हैं। इन लेंस(standard lens) का इस्तेमाल फिल्म कैमरे में किया जाता था जो की 50MM रेंज की होती थी। इन लेंस को  standard lens इसलिए कहते थे क्योंकि यह लेंस पहले कैमरे के साथ आते थे और आप इनमे कोई Adjustment नहीं कर सकते थे। 


B=>  दूसरा लेंस “kit lens” हैं जो की अब DSLR कैमरे में use होते है। इन lens को रोज होने वाली शूटिंग के लिए डिजाईन किया गया था ताकि लोग daily basis पर इससे फोटो क्लिक कर सके। 


C=>  तीसरा लेंस है “prime lens” हैं। इनमे पहले से ही Focal Length fixed होता है, इसलिए इन्हें Fixed Lens भी कहा जाता है। इसमें zoom in या zoom out करने का कोई भी विकल्प मौजूद नहीं होता है। Prime lenses अत्यंत sharper होते हैं zoom lenses की तुलना मे। ऐसा इसलिए होता हैं क्यूंकि उनके पास extra glass अन्दर में नहीं होता है। 




2. Reflex Mirror =>   कैमरे का वह भाग जहां पर किसी image की Reflex दिखाई देती है। यह कैमरे का बहुत ही महत्वपूर्ण भाग होता हैं। यह mirror लेंस के ठीक back side मे लगा होता है जिससे लेंस से आने वाली लाइट इसपे पड़ती है और यह उसे एब्जार्व कर लेती है। 




3. Shutter =>   यह पार्ट हर तरह के कैमरे में होता है। इसका काम कैमरे में जा रही लाइट को कण्ट्रोल करना करना होता है। शटर जितना जल्दी बंद होगा उतना ही कम लाइट image को मिलेगा और शटर जितना धीरे बंद होगा उतना ही ज्यादा लाइट image को मिलेगा। लाइट के ज्यादा होने से फोटो ज्यादा Bright दिखती है और लाइट के कम होने से फोटो Dark दिखती है। 

आपको इन दोनों के बीच का combination यूज़ करना होता है ताकि फोटो परफेक्ट और अच्छे से आ सके। 



4. Image Sensor =>   कैमरे का शटर जब एक बार बंद हो जाता है तो image sensor उस image को कैप्चर कर लेता है। जितना sensor बड़ा होगा उतनी ही डिटेल में फोटो अच्छी आएगी। image sensor अगर छोटा होगा तो image छोटी आएगी और दिखने में भी Clear नहीं होगी। 

DSLR जैसे कैमरे में बहुत बड़े sensor का use होता है जिसके कारण आपको एक बहुत ही अच्छी और परफेक्ट image मिल जाती है। 




5. Focusing Camera =>   यह DSLR कैमरे का बहुत ही महत्वपूर्ण अंग हैं। यह आपके द्वारा खीची गई उस फोटो का Preview भी दिखा सकता है जिस चीज की आप फोटो लेने जा रहे है। इसमें आप सामने दिख रही image को View Finder में भी देख सकते है कि आप ने जिस भी चीज की फोटो ली है उसकी image सही से आ रही हा या नहीं। 




6. Condenser Lens =>   इसमें 2 Convex लेंस होते है और इन lenses को डिजाईन करने का कारण सिर्फ इतना है कि जो लाइट लेंस पर पड़े वो सीधी रहे और एक पथ पर चले। 




7. Pentaprism =>   यह  prism पाँच कोनो वाला एक Reflecting प्रिज्म होता है जो किसी भी लाइट को 90 डिग्री पर मोड़ देता है चाहे वो लाइट 90 डिग्री के प्रिज्म में आई हो या नहीं। ऐसा करने से लाइट image पर सीधी पड़ती है और फोटो Clear आती है। 




8. Eyepiece / View Finder =>    यह DSLR कैमरे का वह भाग होता हैं जहां से आप image को देख पाते है यह View Finder होता है। यह एक LED ग्लास टाइप जैसा होता है इसमें आप जिस चीज की फोटो लेने जा रहे है उसे भी देख सकते है। View Finder की मदद से फोटो पर अच्छे से focus को सेट किया जा सकता है। 





स्मार्टफोन कैमरा और डी एस एल आर कैमरा में क्या अंतर है (What is the difference between smartphone camera and DSLR camera?) :-

मोबाइल के कैमरे और DSLR कैमरे में वही अंतर है जो की एक प्रोफेशनल और अनप्रोफेशनल चीज में होता है। DSLR कैमरे में image sensor बहुत ही बड़ा होता है जबकि मोबाइल के कैमरे में यह बहुत छोटा होता है। जितना बड़ा सेंसर होता है उतनी ही अच्छी फोटो आती है। 


ज्यादा MP(मेगापिक्सेल) का कैमरा होने से कुछ नहीं होता फोटो की क्वालिटी केवल उसके sensor पर निर्भर करती है। अभी तक फोटो के मामले में DSLR कैमरा बहुत ही जबरदस्त रिजल्ट दे चुका हैं। 


Mobile Camera के तुलना में DSLR में फोकस बहुत ही शानदार तरीके से किया जा सकता है। इसके अलवा DSLR Camera की बैटरी लाइफ भी बहुत ज्यादा होती है Mobile Camera की तुलना में। 





डी एस एल आर कैमरा का कितना रेट है (How much does a DSLR camera cost?) :-

DSLR क्या होता हैं यह हमने जाना यदि हम बात करे DSLR कैमेरे के दाम के बारे मे तो यह आप के बजट पर निर्भर करता है कि आप किस तरह का कैमरा खरीदना चाहते है।


क्यों कि बाजार मे आपको हर रेट का DSLR कैमरा देखने को मिलेगा पर यदि अगर हम बात करे प्राइस की तो एक बेस्ट DSLR कैमरे का दाम 50000 से शुरू होकर दो लाख के बीच हो सकता है|


यह आप के बजट पर निर्भर करता है कि आप किस उपयोग के लिए DSLR कैमरा लेना चाहते है और आपका बजट क्या है|




तुरंत डिलीट करें ये 5 एंड्राएड ऐप्स, नहीं तो आपका अकाउंट हो जाएगा पूरा खाली

Some Android apps which will completely empty your account



आज के डिजिटल भरे युग मे हम सभी लोग एंड्राएड फोन का इस्तेमाल बात करने के लिए बहुत कम और तमाम तरह के कामों के लिए बहुत ज्यादा करते हैं। ये स्मार्टफोन (एंड्राएड फोन) इस डिजिटल युग मे जब से आए हैं, तब से हमारे जीवन में बहुत से ऐसे कार्य हैं जिन्हें पहले करने मे काफी वक्त लगता था, अब वही कार्य चुटकियों में संपन्न हो जाते हैं। 



आज हम सभी लोग चाहे वो युवा हो या बच्चा हो या बुजुर्ग व्यक्ति क्यो न हो स्मार्टफोन (एंड्राएड फोन) का इस्तेमाल हम कहां नहीं करते, इसके बारे में बताने की जरूरत नहीं है। लेकिन आपको अपने फायदे के लिए यह बात जानना बहुत जरूरी है कि जब से स्मार्टफोन (एंड्राएड फोन) इस डिजिटल युग आएं है, उतने ही ज्यादा ऑनलाइन स्कैम भी बढ़ गए हैं। हर कोई अपने स्मार्टफोन में ढेरों एप्लीकेशन डालकर रखते हैं और ये सारी एप्लीकेशन हमें प्राप्त होती है "google Play store" से। 


अब हम बात करते हैं "google Play store" की, तो   दोस्तों   आप   सभी   लोग  "google  Play store"   के  बारे  मे   तो  अच्छे   से  जानते  होंगे कि "google Play store" का इस्तेमाल अक्सर हम game, social media और अन्य इंटरटेनमेंट एप को डाउनलोड करने के लिए करते हैं। "google Play store" में कई सुरक्षा दीवारें हैं, इसके बावजूद कुछ मालवेयर वाले एप्स इसे हैक कर लेते हैं और मोबाइल फोन और टैबलेट जैसे डिवाइस को भारी नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे ही चार एप को "google Play store" पर ढूंढा गया है, जिनमें सीक्रेट हाइडिंग मैलवेयर शामिल हैं।


ऐसे में हम आपको बता रहे हैं ऐसी एंड्रएड ऐप्लीकेशंस के बारे में जो आपके फोन की जासूसी करती है और आपके बैंक अकाउंट की सारी जानकारी एकत्रित करके उन्हें खाली कर सकती है। ऐसे ऐप्स को लेकर समय-समय पर रिपोर्ट आती रहती है। तो चलिए जानते हैं उन जासूसी ऐप्लीकेशंस के बारे मे...... 



ये 5 जासूसी एप्स है जिनके बारे मे मैं नीचे बताने जा रहा हू जो की काफी खतरनाक हैं। 

एक रिपोर्ट के अनुसार....

1=>  File Manager Small, Lite

2=>  My Finances Tracker

3=>  Zetter Authentication

4=>  Codice Fiscale 2022

5=>  Recover Audio, Images and Videos 


इन सभी ऐप्स में वायरस पाए गए हैं। यदि आपने भी अपने स्मार्टफोन मे इन ऐप्स को इंस्टॉल कर रखा है या इस्तेमाल कर रहे हैं तो अभी के अभी इन ऐप्स को तुरंत डिलीट कर दें। ये ऐप्स आपकी बैंक अकाउंट डिटेल्स को स्कैमर्स तक पहुंचा देते हैं जिससे आपको फाइनेंशियल नुकसान हो सकता हैं। पहले की रिपोर्ट में बताया गया है कि इन ऐप्स को लाखों बार डाउनलोड किया गया है।



इस देशों के लोग झेल रहे इन भयानक वायरस ऐप का कहर..... 

बता दें कि ये वायरस ऐप अभी ऑस्ट्रिया, अमेरिका, इटली, ऑस्ट्रेलिया, स्पेन, जर्मनी और पोलैंड जैसे देशों में यूजर्स को अपना शिकार बना चुके हैं। 


इन पाँच मोबाइल ऐप्स को एक ही ऐप डेवलपर के द्वारा बनाया गया है और आज इस समय इसके एक मिलियन से भी ज्यादा डाउनलोडर हैं। और तो और ये ऐप "google Play store" पर सर्टिफाइड भी हैं। हालांकि, साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट का दावा है कि इन ऐप में Android/Trojan Hidden Aps आपस शामिल है। ऐप को डाउनलोड करने के 72 घंटे के बाद ही यह Trojan एक्टिवेट हो जाता है और डाटा चुराना जैसी एक्टिविटी करना शुरू कर देता है।



अगर आप अपनी जरूरत के अनुसार किसी ऐप्स को डाउनलोड करना चाहते हैं तो उस ऐप्स को ऑफिशियल ऐप स्टोर से ही डाउनलोड करें। ऐप डाउनलोड करने से पहले उसकी रेटिंग और दूसरी डिटेल्स को जरूर - जरूर चेक करें। ताकि आप इस भयानक घटना का शिकार होने से बच सके। 



इन ऐप में भी मिला खतरनाक Trojan वायरस। 

Trojan वायरस वाले ऐप कुछ इस प्रकार हैं....... 

1=>  Bluetooth Auto Connect । इस ऐप को करीब 10 लाख बार डाउनलोड किया जा चुका है। 

2=>  Bluetooth App Sender । इस ऐप को करीब 50 हजार बार डाउनलोड किया जा चुका हैं । 

3=>  Driver: Bluetooth, Wi-Fi, USB । इस ऐप को करीब 10 हजार से भी ज्यादा डाउनलोड किया जा चुका हैं। 

4=>  Mobile transfer: smart switch । इस ऐप को करीब 1 हजार बार डाउनलोड किया जा चुका हैं। 

इन सभी ऐप मे खतरनाक Trojan वायरस की पुष्टि की गई है। यदि आपके स्मार्टफोन में भी इनमें से कोई ऐप है तो आप इसे तुरंत ही डिलीट कर दें। 



आपका बैंक अकाउंट हो जाएगा बिल्कुल खाली । 

हैकर्स इसका फायदा उठाने की कोशिश में रहते हैं। इन ऐप्स के बारे में अभी तक यह जानकारी सामने निकल कर आई है कि ये ऐप्स आपके स्मार्टफोन का डेटा के साथ बैकिंग डिटेल्स की भी चोरी कर लेते है। इससे आपको काफी फाइनेंशियली नुकसान हो सकता है। 



मैलवेयर के जरिए करते हैं टारगेट 

बताते चले कि आजकल  इस डिजिटल युग मे एक नया scam(स्कैम) चल रहा है। इसमें हैकर्स मैलवेयर के जरिए यूजर्स को टारगेट बनाते है और ये मैलवेयर यूजर के बैंक अकाउंट की पूरी जानकारी स्कैमर्स तक पहुँचाने का काम करते है। रिपोर्ट के अनुसार, इस जानकारी मे यूजर्स के अकाउंट नंबर और लॉगिन आईडी भी शामिल हैं। इससे यूजर का बैंक अकाउंट खाली हो सकता है। ऐसे में जरूरी है आप इस खतरनाक मैलवेयर से सावधान रहें। और अपने बैंक एकॉउंट को सुरछित करे। 


मालवेयर बाइट्स लैब्स के रिसर्चर के अनुसार यह एप्स फिशिंग ट्रिक्स की ओर ले जाते हैं जो आपके डाटा और व्यक्तिगत जानकारी को चुरा सकते हैं। आपकी निजी जानकारी का इस्तेमाल फिर ब्लैकमेलिंग और अन्य अपराध के लिए किया जा सकता है। 




क्या आपका WhatsApp, Facebook और Gmail कोई और तो नहीं यूज कर रहा है?




आज के समय में सभी व्यक्ति स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं। वहीं स्मार्टफोन को इस्तेमाल करने के लिए Email id की जरूरत होती है। ऐसे में अधिकतर लोग Gmail का ही इस्तेमाल करते हैं। आपके Gmail Account से आपके कई सारे अकाउंट लिंक होते हैं, जैसे= WhatsApp, Facebook, Instagram, Massenger। जिसके चलते सिक्योरिटी को लेकर Gmail की जिम्मेदारी काफी हद तक बढ़ जाती है। अगर आपका Gmail हैक हो जाता है तो आपके कई सारे social media account भी हैक हो जाएंगे।
 



इसलिए आपको अपनी Gmail id और password सुरक्षित रखना चाहिए। अगर आप भी Gmail का इस्तेमाल करते हैं तो यो खबर आपके लिए बड़े काम की साबित हो सकती है। 



कभी कभी आपका वॉट्सऐप(WhatsApp), फेसबुक (Facebook), जीमेल(Gmail) अकाउंट आपके अलावा कोई और भी यूज(use) कर रहा होता है मगर कई बार ऐसा भी होता है कि स्मार्टफोन यूजर(usee) को इसके बारे मे पता भी नहीं हो पाता है। ऐसे में इन ऐप्स की ज़रूरी सेटिंग्स(Setting) के बारे में आपको जानना बहुत जरूरी हो जाता है। 



इसके अतिरिक्त Facebook और उसकी सहायक कंपनियां - इंस्टाग्राम(Instagram) और वॉट्सऐप (WhatsApp) हैं। ये दोनों हीआज सबसे लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के रूप में उभरे हैं। ये ऐसे प्लेटफॉर्म भी हैं जहां यूजर्स(users) का पीछा किया जाता है और उन्हें धमकाया भी जाता है। 


लेकिन अगर वॉट्सऐप(WhatsApp) की बात करे तो  वॉट्सऐप(WhatsApp) आज के समय मे भारत में सबसे ज़्यादा यूज(use) किया जाने वाला मैसेजिंग ऐप बन गया है। 


ये तीनों अकाउंट्स(WhatsApp, Facebook,Gmail) आपके काफ़ी पर्सनल होते हैं और आप ये कभी नहीं चाहेंगे कि आपके personal social media account अलावा कोई और भी इन्हें यूज(use) कर रहा हो| आप में से कई लोग इन सेटिंग्स(setting) के बारे में जानते भी होंगे, लेकिन कई ऐसे भी लोग हैं जिन्हें इन सेटिंग्स(setting) के बारे में नहीं पता होता हैं। 


लेकिन इन सेटिंग्स(settings) को जानने का तरीक़ा काफ़ी सिंपल है और इसमें आपका ज़्यादा समय भी नहीं बर्बाद होगा। मोबाइल या कंप्यूटर दोनों से ही आप ये जान सकते हैं कि आपका जीमेल अकाउंट(Gmail account) कहां लॉगइन(Longin) है और कौन यूज (use) कर रहा है। 



● आपका Gmail Account कौन कर रहा हैं यूज|

सबसे पहले आप अपना Google Account Long in करें।  इसके   बाद   लेफ़्ट   नेविगेशन   पैनल (left nevigation painal) से Security सेलेक्ट करें। यहां डिवाइस पैनल(device painal) मिलेगा। अब आप यहां से Manage all devices का option सेलेक्ट कर सकते हैं।



यहाँ आपको उन डिवाइसेज की लिस्ट दिखेगी जो आपके जीमेल अकाउंट(Gmail Account) से लिंक्ड (Linked) हैं। अगर आप यहाँ ऐसा डिवाइस पाते हैं जो आपने अपने अकाउंट(Account) में ऐंड(add) नहीं किया है तो समझ लें आपका अकाउंट(Account) कोई और यूज(use) कर रहा है या पहले उसने ऐसा किया है। 


यहां पर ही आपको Device Session का ऑप्शन (option) दिखेगा। यहां सेलेक्ट करके आप ज्यादा जानकारी पा सकते हैं। अगर कोई डिवाइस आपकी जानकारी वाला नहीं है तो वहां पर Sign Out का ऑप्शन(option) चुन सकते हैं। 


गूगल(Google) के मुताबिक़ इस डिवाइस लिस्ट में कोई ऐसा डिवाइस दिख रहा है जिसे आप नहीं जानते है तो साइन आउट करके अपने अकाउंट का पासवर्ड बदल लें. यहाँ पर आप लोकेशन भी देख सकते हैं कि डिवाइसेज कहां से long in हैं। 



●  Facebook में इस प्रकार करें चेक….. 

फ़ेसबुक(Facebook) में भी जीमेल(Gmail) की तरह ही ऑप्शन(Option) है जहां से आप ये पता लगा सकते हैं कि आपका अकाउंट(Account) कोई और तो नहीं यूज(Use) कर रहा हैं। 


फ़ेसबुक(Facebook) पर अपना अकाउंट(Account) लॉग इन(Log in) करें। इसके बाद टॉप मेन्यू में से सेटिंग्स(Settings) वाले ऑप्शन(option) में जाएँ। यहाँ पर आपको Settings & Privacy का ऑप्शन (option) दिखेगा। इसे टैप(Tap) करने के बाद आपको एक लिस्ट मिलेगी जिसमें Security and login का ऑप्शन(option) होगा। 


स्क्रॉल करके नीचे आने पर आपको ये ("Where you’re logged in") लिखा हुआ दिखेगा। यहां See More का भी ऑप्शन(Option) होता है अगर आपका अकाउंट(Account) एक से भी ज्यादा डिवाइसेज से ऐक्सेस किया जा रहा है तो। 


यहाँ आपको उन सभी स्मार्टफोन्स या लैपटॉप की लिस्ट दिखेगी जहां आपका फ़ेसबुक अकाउंट(Facebook Account) लॉग्ड इन(loged in) है। अगर इनमें से कोई डिवाइस ऐसा लगता है जिससे आपने अपना अकाउंट(Account) लॉगइन(log in) नहीं किया है तो तुरंत डिवाइस के पास दिए गए Log out ऑप्शन (option) को सेलेक्ट करके उस डिवाइस से अपना अकाउंट(Account) लॉग आउट(log out) कर लें। 


सिर्फ़ आपके लिए अपने अकाउंट(account) को लॉगआउट(log out) करना ही काफ़ी नहीं है, अगर हो सके तो तुरंत अपने अकाउंट(Account) का पासवर्ड (Password) भी बदल दें और मुमकिन हो तो उसमें "टू फ़ैक्टर ऑथेन्टिकेशन" यूज कर लें ताकि आपका अकाउंट(Account) ज़्यादा सिक्योर हो जाए। 




● WhatsApp में जानें कौन यूज कर रहा आपका अकाउंट?

वैसे तो WhatsApp के साथ अच्छी बात ये है कि एक बार में इसे एक ही मोबाइल फोन पर यूज(use) किया जा सकता है, लेकिन multi device suport आने के बाद से अब मोबाइल और कंप्यूटर में एक साथ यूज कर सकते हैं। 


पहले स्मार्टफोन में इंटरनेट नहीं होता था वॉट्सऐप (WhatsApp) वेब भी काम नहीं करता था। लेकिन अब ऐसा नहीं है, अब फ़ोन में नेटवर्क ना हो तो भी वॉट्सऐप (WhatsApp) वेब यूज किया जा सकता है। ऐसे में अगर आपका वॉट्सऐप(WhatsApp) कोई और यूज कर रहा है तो इसके बारे में आपको पता भी नहीं चलेगा। 


कुछ ऐसे क्लोन ऐप्स होते हैं, अगर कोई आपका फ़ोन हाथ में लेता है तो वो आपके वॉट्सऐप (WhatsApp) वेब का लॉगइन (log in) ऐप के ज़रिए अपने पास ले सकता है। इसे चेक करने का तरीक़ा बहुत ही सरल है। आपको अपनी मोबाइल के वॉट्सऐप (WhatsApp) सेटिंग्स में जाना है। 


सेटिंग्स में Linked Devices का ऑप्शन दिखेगा जहां पर आपको क्लिक करना है। यहां क्लिक करते ही आपको एक लिस्ट दिखेगी जहां से ये पता चलेगा कि आपका वॉट्सऐप(WhatsApp) किस डिवाइस पर लॉग्ड इन(loged in) है। अगर यहां आपका डिवाइस नहीं है तो समझ लें आपके वॉट्सऐप(WhatsApp) मैसेज कोई और पढ़ रहा है। यहां से आपको लॉगआउट (log out) करने का ऑप्शन मिलेगा और यही से आप लॉगआउट(log out) कर सकते हैं। 



(तो दोस्तो कैसी लगी ये हमारी जानकारी अगर और भी कुछ इस तरह की जानकारी चाहिए तो आप हमारे कॉमेंट बॉक्स मे लिख कर भेज दे।) 




अब आप भी देख सकते हो व्हाट्सएप पर वॉयस मैसेज प्रिव्यू को

आजकल भागती- दौड़ती ज़िन्दगी में भी हमें रिश्तेदारों से, अपने दोस्तों से, और अपने प्रियजनों से सम्पर्क बनाए रखना बहुत ज़रूरी है। इसलिए हमें हमारे अपनों से जोड़े रखने के लिए, एक ऐसे एप्लीकेशन की शुरुआत हुई, जिसने हम सब को एक साथ, एक ऐप के माध्यम से बांध दिया, जिसे दुनिया व्हाट्सऐप(WhatsApp) के नाम से जानती है। व्हाट्सऐप(WhatsApp) की इसी लोकप्रियता के कारण वर्तमान में इसके कई मॉड वर्जन हैं। 
जैसे- 'जीबी व्हाट्सएप', 'यो व्हाट्सएप' भी मौजूद है, जो मूल व्हाट्सऐप(WhatsApp) की तुलना में 'Advance Feature' प्रदान करता है।




बहुत लोग है जो व्हाट्सएप के बारे में अधिक जानकारी नहीं रखते क्योंकि उनके पास इसे चलाने के लिए सही मोबाइल नहीं होता। पर अगर आप जानना चाहते है कि व्हाट्सएप(WhatsApp) क्या है? तो आप और कहीं मत जाइए, हमारे साथ बने रहिए। हम आपको बताएँगे कि व्हाट्सएप क्या  हैं। 





आइये अब समझते हैं कि whattsAPP क्या है...... 


कुछ समय पहले, हम किसी को कोई मैसेज भेजने के लिए सिम में अलग से रिचार्ज किया करते थे, लेकिन अब एक ही रिचार्ज से हम मैसेज(massege) भी कर सकते है, 'Call' भी कर सकते है और 'Video Call' करके अपने दोस्तों को देख भी सकते है और अगर कोई ज़रूरी जानकारी भी 'Share' करनी हो तो वह भी कर सकते हैं।  जी हाँ, यह सब संभव हो पाया हैं  व्हाट्सएप(WhatsApp) के कारण।

व्हाट्सएप(WhatsApp) हमारे 'Mobile' में पाया जाने वाला एक 'Application' है, जिसके द्वारा हम एक दूसरे को 'Text Message' , 'photo' , 'video' ,  'Document' या अपनी लोकेशन भेजने के लिए इस्तेमाल करते है। व्हाट्सएप(WhatsApp) हमें 'Voice Call' और 'Video Call' करने की सुविधा भी देता है। यह 'App' एक तरह से हमें हमारे अपनों लोगों और हमारे दोस्तों से जोड़े रखता है।



व्हाट्सएप(WhatsApp) के फुल फॉर्म की अगर हम बात करें, तो दरअसल व्हाट्सएप(WhatsApp) का कोई फुल फॉर्म ही नहीं है, लेकिन इसे पूर्ण रूप में WhatsApp Messenger कहते है। यह एक तरह से, किसी को Greet करने के लिए कहे जाने वाले वाक्यांश “What’s Up?” का पूरा रूप है।



व्हाट्सएप की पूरी जानकारी..........

हम आपको बताते हैं कि  व्हाट्सएप(WhatsApp) की शुरुआत 2009 में, अमेरिका में हुई थी। इसके संस्थापक (Founder) जेन कौम (Jan Koum), ब्रायन एक्टन (Brian Acton) है। लेकिन वर्तमान समय में WhatsApp को Facebook ने 19 अरब अमेरिकी डॉलर में खरीद लिया है, इसीलिए अब इसके मालिक मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) है। भारत में यह 2011 के अंत में आया और आज के समय में यह सबसे लोकप्रिय Apps में से एक बन चुका है।


इसे पढ़कर आप इतना समझ गए होंगे कि व्हाट्सएप क्या होता है? 

तो चलिए अब हम आपको व्हाट्सएप (WhatsApp) की कुछ बेहतरीन Features के बारे में भी बताते है.......... 



Voice Call and Video call व्हाट्सएप(WhatsApp) पर हम Message के माध्यम से बात तो कर ही सकते हैं और साथ ही साथ अपने लोगों और रिश्तेदारों को voice Call और Video Call भी कर सकते है। इसके लिए हमें अलग से किसी ID की ज़रूरत भी नहीं पड़ती हैं। जो भी हमारे Contacts list होता है, बस हम उन्हें आसानी से  voice Call और video call कर सकते है।



Customizationव्हाट्सएप(WhatsApp) पर हम अपने हिसाब से अलग-अलग  टाइप के Notification Sound लगा सकते है, जिससे हमें ये जानने में सुविधा होगी कि हमें किसने massege किया है और साथ ही, व्हाट्सएप(WhatsAppहमें Dark Mode की भी सुविधा देता है जिससे हमारी आँखों को कोई हानि न हो यानी जिससे हमारी आँखें सुरक्षित रहे। 



Privacy =  व्हाट्सएप(WhatsApp) की सबसे बड़ी ख़ास बात यह है कि ये End-To-End Encryption इस्तेमाल करती है, जिसका मतलब यह है, कि केवल दो लोग जो आपस में बात कर रहे है, उनके अलावा उनके बात-चीत की जानकरी किसी तीसरे व्यक्ति को नहीं होगी। ये फीचर WhatsApp को एक बहुत ही सुरक्षित प्लेटफॉर्म बनाता है।



Backup Data or Delete WhatsApp =  व्हाट्सएप(WhatsApp) पर हम अपने सभी Messages को सुरक्षित रख सकते है और तो और अपने किसी पुरानी Chat को वापस भी पा सकते है। इसके लिए WhatsApp हमें Backup Facility वाला एक बेहतरीन फीचर देता है। हम अगर चाहे तो WhatsApp को Delete भी कर सकते है और उसे वापस से खोलने पर, हमें हमारे सभी डेटा वापस मिल जाएंगे, अगर हमनें Backup किया हुआ होगा तभी यह संभव होगा अन्यथा नहीं। 



इसके अतिरिक्त, WhatsApp को हम किसी भी AndroidiPhone, या Windows फ़ोन पर और Mac या Windows के Laptop और Computer पर डाउनलोड कर सकते है। लैपटॉप और कम्प्यूटर में व्हाट्सएप को हम WhatsApp Web भी कहते है।
 



व्हाट्सएप (WhatsApp कंपनी भी आए दिन अपने यूजर्स को बेहतरीन  फीचर्स और अपडेट की जानकारी देती रहती हैं। अभी कुछ समय पहले  ही  कंपनी ने अपने यूजर्स के लिए एक नया फीचर रिलीज किया है। ये कमाल का फीचर वॉयस मैसेज प्रिव्यू है। जैसा कि इसके नाम से ही स्पष्ट है कि अब यूजर्स को वॉयस मैसेज(voice massege) भेजने से पहले ही उसका प्रीव्यू देखने का मौका मिलेगा। यानी आप भी अगर किसी को वॉयस मैसेज(voice massege)  भेजते हैं तो उससे पहले आप ऑडियो को सुन सकेंगे। इस नए फीचर से सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि अब किसी के पास आपका गलत ऑडियो मैसेज नहीं जा पाएगा।




आईये जानते हैं कि क्या है व्हाट्सऐप का नया फीचर?

व्हाट्सऐप(WhatsApp) पर चैटिंग के अलावा ऑडियो(Audio) और वीडियो(Video) कॉल का भी विकल्प मिलता है। ऑडियो(Audio) मैसेज आपको टेक्स्ट चैटिंग वाले टैब में ही दिखता है। इसमें आपको उस माइक पर क्लिक करते हुए कुछ बोलना होता है। इसके बाद ऑडियो रिकॉर्ड होने के बाद send करने का ऑप्शन आता है। अभी तक इसमें सिर्फ वॉयस मैसेज को भेजने का ही विकल्प होता था। इससे कई बार गलत मैसेज भी चला जाता था, लेकिन अब मैसेज भेजने से पहले आप वॉयस(Voice) मैसेज प्रिव्यू(Priviewe) के माध्यम से आप अपने ऑडियो(Audio) को सुन सकेंगे और कोई गलती होने पर उसे हटा कर दूसरा मैसेज रिकॉर्ड कर सकेंगे। 




कैसे करेगा काम ये नया फीचर...... 

● व्हाट्सऐप(WhatsApp) पर ऑडियो(Audio)  मैसेज भेजने के लिए सबसे पहले अपने व्हाट्सऐप अकाउंट पर जाएं। यहां जिस किसी कॉन्टैक्ट(Contacts) को वॉयस(Voice) मैसेज भेजना चाहते हैं उसके प्रोफाइल पर आएं।



●  इसके बाद चैट टैब(Chat tab) में बने माइक्रोफोन के आइकन पर क्लिक करके अपना मैसेज रिकॉर्ड करें और मैसेज पूरा होने के बाद रिकॉर्डिंग को स्टॉप करने के विकल्प पर क्लिक करें। 



●  इसके बाद आपको प्ले( play) का ऑप्शन दिखेगा, इस पर क्लिक करने के बाद आप अपना रिकॉर्ड किया हुआ मैसेज सुन सकते हैं। अगर मैसेज ठीक है तो सेंड(Send) पर क्लिक करके आगे भेज सकते हैं, लेकिन मैसेज में अगर कोई कमी है तो आप उसे डिलीट करके दूसरा मैसेज रिकॉर्ड कर सकते है। 

( पार्ट टाइम इनकम करना चाहते है तो नीचे दिये गए लिंक पर क्लिक कर एप डाउनलोड करे। ) 

1= Earn cash (invite code - HHHP5K)

2= Go daily (invite code - S1AFNF)

3= Lucky walk (invite code - SSSQ76)

4= Roze dhan ( invite code - 0YHQOC)




Conclusion:

तो दोस्तों ये थी व्हाट्सएप(WhatsApp) की पूरी जानकारी के साथ साथ उसके नये फीचर की भी। उम्मीद है इसे पढ़कर आप समझ गए होंगे कि व्हाट्सएप क्या है? अगर आपको हमारी ये जानकारी अच्छी लगी हो, तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी ज़रूर शेयर करे, और अगर आपके पास हमारे लिए कोई सवाल है, तो उसे Comment में लिख कर बताए। हम उसका उत्तर देने की जरूर कोशिश करेंगे। 

हमारा लक्ष्य आपको विभिन्न तरह की जानकारियाँ उपलब्ध करवाना है। जिससे आपको हमारी इस पोस्ट के माध्यम से अधिक से अधिक सहायता मिल सके। धन्यवाद